आनंद पर्वत पुलिस अगर सचेत रहती तो मीनाक्षी की जान बच सकती थी। इससे पहले 2013 में जब पीड़ित परिवार की शिकायत पर आरोपी युवक और उसकी मां को गिरफ्तार किया गया था तब से इन दोनों परिवारों में दुश्मनी चल रही था। पीड़ित परिवार का आरोप है कि उसके बाद भी आरोपी ने जानलेवा हमला, तेजाब फेंकने और कपड़े फाड़ने की धमकी दी थी। परिवार का आरोप है कि पहले से दर्ज मामले को अगर थाना या जिला पुलिस उपायुक्त दफ्तर संजीदगी से लेते और आरोपियों पर कार्रवाई होती तो इस तरह सरेआम हत्या का दुस्साहस नहीं होता।
हालांकि पुलिस प्रवक्ता राजन भगत का कहना है कि अक्तूबर 2013 में शिकायत के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मां-बेटे को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों परिवार पड़ोसी हैं और इनके बीच झगड़ा होता था। हालांकि इस झगड़े की शिकायत भी 2013 के बाद कभी पुलिस में दर्ज नहीं कराई गई। जबकि शनिवार को मौके पर पहुंचे जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त चिन्मय विश्वास ने बताया कि अब तक की जांच में मां शशि और भाई इलू की भूमिका साफ नहीं हो सकी है। दोनों से पूछताछ चल रही है।
मध्य दिल्ली के आनंद पर्वत इलाके के पंजाबी बस्ती में गुरुवार को हुए इस जघन्य वारदात के बाद इलाके में तनाव बना हुआ है। पीड़ित परिवार का यही आरोप है कि पुलिसिया लापरवाही का परिणाम युवती की हत्या के रूप में सामने आया है। अगर पुलिस सचेत रहती तो मीनाक्षी की जान बच सकती थी। चाकू घोंपकर हत्या करने वाले आरोपियों जयप्रकाश को तो तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन उसकी मां शशि और भाई इलू ने मीनाक्षी को इससे पहले भी शिकायत दर्ज कराने के बाद अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। इन दोनों को अभी तक क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया है।
इससे पहले जब साल 2013 में आरोपी गिरफ्तार हुआ था तब से वह लगातार जानलेवा हमले, तेजाब फेंकने और युवती के कपड़े तक फाड़ देने की धमकी देता रहा। परिजनों का आरोप है कि 2013 में ही पुलिस को इत्तिला देकर उस युवक से जान बख्शने की गुहार लगाई गई थी। पुलिस ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, गिरफ्तारी जरूर हुई पर उसके बाद वह छुट्टा घूमता रहा और समय-समय पर धमकियां देता रहा। मीनाक्षी और परिवार की सुरक्षा के बाबत पुलिस ने कोई ठोस उपाय नहीं किया। पीड़ित परिवार ने गुहार लगाई थी कि आरोपियों ने मीनाक्षी के घर से निकलने का रास्ता ही बंद नहीं किया बल्कि जब मौका मिला तब उसके ऊपर जानलेवा हमले की धमकी से बाज नहीं आया।