दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में चरमराई कानून व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार दोषी है। मुख्यमंत्री ने आनंद पर्वत इलाके में मारी गई लड़की के परिजनों से मुलाकात के बाद यह बातें कहीं। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी उनके साथ थे। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिजनों को पांच लाख रुपए मुआवजे के तौर पर देने का ऐलान किया है।
उन्होने ट्वीट कर कहा कि मोदी जी दिल्ली पुलिस का कुछ करें या फिर दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार के हवाले करें। इस बीच दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिख कर मीनाक्षी हत्याकांड में दो दिन में जवाब मांगा है। आप संयोजक दिलीप पांडेय ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा है कि हाल की तीन घटनाओं को देखें तो पता चलता है कि दिल्ली में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली पुलिस को मामले में गंभीरता दिखानी चाहिए। आप खराब कानून व्यवस्था के खिलाफ कैंडल मार्च करेगी।
मुख्यंमत्री अरविंद केजरीवाल ने आनंद पर्वत पहुंच कर मीनाक्षी के परिजनों से मुलाकात कर उन्हे ढांढ़स बंधाया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि दिल्ली में सरेआम हुई मीनाक्षी की बर्बर हत्या ने हिला कर रख दिया है। यह दिल दहला देने वाली घटना है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली पुलिस प्रधानमंत्री जी के अधीन है। प्रधानमंत्री जी या तो दिल्ली पुलिस को ठीक करने पर ध्यान दें या उसे दिल्ली सरकार के हवाले कर दें। इस बीच उप मुख्यमंत्री ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
उधर सत्येंद्र जैन ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी को पत्र लिख कर कहा है कि निर्भया कांड के बाद से भी क्या दिल्ली के हालात बदले हैं? बस्सी को लिखे पत्र में गृह मंत्री जैन ने यह जानना चाहा है कि पुलिस ने पहले प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की जबकि पीड़िता की ओर से पहले भी कई बार छेड़खानी की शिकायतें की जा चुकी थीं। जैन ने कहा कि पुलिस की निष्क्रियता की वजह से लड़की को सुरक्षा नहीं मिल सकी जबकि दोनों कथित तौर पर काफी लंबे समय से उसका पीछा कर रहे थे।
आप नेता दिलीप पांडेय ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि दिल्ली पुलिस चाहती तो मीनाक्षी बच जाती अगर पुलिस उसकी शिकायतों पर ध्यान देते हुए समय रहते उस पर अमल किया होता। आप नेता ने ट्वीटर पर भी बयान जारी किया है। साथ ही कहा है कि दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के बारे में पुलिस के संजीदगी कहीं दिखाई नहीं देती है चाहे वह दाखिले के लिए गई छात्रा के शोषण का मामला हो या फिर पुलिस की ओर से अपने साथी महिला पुलिस के उत्पीड़न का मसला। महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा के विरोध में आप रविवार शाम को जंतर-मंतर पर कैंडल मार्च व विरोध प्रदर्शन करेगी।