जामिया मिल्लिया इस्लामिया में अब संस्कृत की भी शिक्षा मिलेगी। जामिया में संस्कृत विभाग शुरू होगा और स्नात्तक स्तरीय पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। सूत्रों ने बताया कि आगामी 27 नवंबर को जामिया की कार्यकारी परिषद की बैठक होने जा रही है। बैठक में जामिया में संस्कृत विभाग शुरू किए जाने का प्रस्ताव लाया जाएगा। विभाग की शुरुआत के साथ यहां संस्कृत शिक्षको की नियुक्तियों का भी प्रस्ताव है। साथ ही पाठ्यक्रम शुरू करने की भी प्रक्रिया भी होगी। अगर सब ठीक रहा तो माना जा रहा है कि 2016 से यहां संस्कृत की पढ़ाई शुरू होगी।
सूत्रों के मुताबिक जामिया ने अपने यहां संस्कृत विभाग शुरु करने के लिए विश्विवद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से स्वीकृति मांगी थी। जामिया के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि हमने यूजीसी से संस्कृत विभाग खोलने के लिए स्वीकृति मांगी थी। यूजीसी की ओर से संस्कृत विभाग खोले जाने को लेकर स्वीकृति मिल गई है। अब आगामी कार्यकारी परिषद की बैठक में इस योजना को स्वीकृति दी जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलपति ने कई एसे कदम उठाए हैं जिससे सभी वर्गों का विकास हो। देश की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए जामिया में संस्कृत विभाग को शुरू करने की योजना है।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया भी दिल्ली विश्विवद्यालय और जेएनयू की तरह एक केंद्रीय विश्विवद्यालय है। यहां संस्कृत की पढ़ाई नहीं होती है। दिल्ली विश्विवद्यालय और जेएनयू में संस्कृत पाठ्यक्रम पहले से ही चलाए जाते है। अब जामिया ने भी अपने यहां संस्कृत की पढ़ाई और उसमें शोध के लिए संस्कृत विभाग की स्थापना का प्रोपोजल तैयार कर कदम बढ़ा लिया है। कहना न होगा कि अभी तक कई भारतीय भाषाओं और विदेशी भाषाओं की पढ़ाई जामिया में हो रही है लेकिन संस्कृत की पढ़ाई नहीं हो पा रही थी। इसके लिए यहां संस्कृत विभाग का होना जरूरी है।