सीबीआइ ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन और उन कंपनियों जहां वह निदेशक थे, से कथित रूप से संबंधित करीब दो करोड़ रुपए की बैंक जमा पर्चियां और संपत्ति दस्तावेज बरामद किए हैं। एजंसी सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि दिल्ली दंत परिषद के रजिस्ट्रार ऋषिराज के आवासों पर छापेमारी के दौरान यह दस्तावेज बरामद हुए। उन्हें एक अन्य मामले में शनिवार को गिरफ्तार किया गया था।

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आरोप लगाया कि यह केंद्र द्वारा जैन की छवि खराब करने का प्रयास है और उनका रजिस्ट्रार से कोई लेना देना नहीं है। ऋषिराज और परिषद के वकील एन प्रदीप शर्मा को शनिवार की रात एक डाक्टर से 4.7 लाख रुपए की रिश्वत कथित रूप से लेते हुए बाकी पेज 8 पर
गिरफ्तार किया गया था। एजंसी सूत्रों ने कहा कि बाद में ऋषिराज के आवास पर छापेमारी के दौरान एजंसी ने कराला गांव में जैन के नाम के संपत्ति दस्तावेज, आप नेता, उनकी पत्नी पूनम और जेजेआइटीएल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर चेक बुक बरामद किए।

सीबीआइ प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा, ‘सीबीआइ ने दिल्ली दंत परिषद से पसंदीदा आदेश पाने और एक मामले में आगे की कानूनी कार्यवाही में मदद के लिए शिकायतकर्ता से रिश्वत मांगने के आरोपों में एक मामला दर्ज किया है।’ उन्होंने कहा कि सीबीआइ ने जाल बिछाकर आरोपी को शिकायतकर्ता से रिश्वत मांगने और स्वीकार करते रंगे हाथों पकड़ा। उन्होंने कहा कि छापेमारी के दौरान 2011 में जैन की कंपनियों के नाम पर दो करोड़ रुपए जमा वाली आइडीबीआइ बैंक की पर्चियां भी मिलीं। उन्होंने कहा कि उनके, उनकी पत्नी के और एक निजी एस्टेट फर्म के नाम पर 41 चेक बुक भी मिले हैं। सीबीआइ ने आधा किलोग्राम सोना और 24 लाख रुपए नकद बरामद करने का भी दावा किया है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि ये भी दिल्ली के मंत्री जैन से संबंधित है या नहीं।