Tanushree Ghosh

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शुक्रवार (8 फरवरी, 2019) दिवंगत पत्रकार और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित कुलदीप नैयर की आखिरी किताब के लॉन्च कार्यक्रम में शामिल होने से किनारा कर गए। मशहूर पत्रकार नैयर की किताब ‘On Leaders and Icons: From Jinnah to Modi’ के एक चैप्टर में मनमोहन के प्रधानमंत्री रहते सरकारी फाइलें 10 जनपद जाने का जिक्र था। यूपीए कार्यकाल में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का आवास दस जनपद खासा मशहूर हुआ। आरोप था कि सरकारी फाइलें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के आवास से होकर गुजरा करती थीं।

किताब में फाइलों के 10 जनपद में जाने के जिक्र पर पूर्व पीएम ने नैयर की पत्नी भारती को एक पत्र के जरिए इससे अवगत कराया। उन्होंने कहा कि किताब में जो लिखा गया वो सच नहीं है। इसलिए बुक लॉन्चिंग कार्यक्रम में शामिल होना उनके लिए शर्मनाक होगा। मामले में दिवंगत पत्रकार के बेटे राजीव नैयर ने कहा, मेरे पिता को विवादों को छेड़ना पसंद था और उन्होंने विवाद को जन्म दिया क्योंकि मूल रूप से डॉक्टर मनमोहन सिंह ने इस बात को स्वीकार किया था। मगर किताब पढ़ने के बाद उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया।’

राजीव ने पूर्व पीएम का पत्र पढ़ा जो एक फरवरी को लिखा गया। इसमें लिखा गया, ‘किताब के एक चैप्टर में मेरे बारे बात की गई है। पेज नंबर 172 पर मुझे संदर्भ मिला कि प्रधानमंत्री के मेरे कार्यकाल के चलते, सरकारी फाइलें सोनिया गांधी के आवास पर जाती थीं। यह बयान सच नहीं है, और कुलदीप ने कभी मुझसे इस बात की पुष्टि नहीं की। इसके चलते 8 फरवरी को किताब लॉन्चिंग कार्यक्रम में मुझे शामिल होने में शर्मनाक लगेगा।’

राजीव ने किताब कुछ पक्तियां पढ़ीं, ‘एक तरफ विडंबना यह है कि मनमोहन सिंह के पास कोई लोकप्रिय आधार नहीं था, जो वास्तव में उनके राजनीतिक जीवन में उनकी मदद करते थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें कार्यालय के लिए चुना…क्योंकि उनके पास शक्ति का आधार नहीं था और वह उन्हीं पर निर्भर रहेंगे। सिंह लगभग दस वर्षों तक प्रधानमंत्री रहे क्योंकि वह सोनिया के लिए एक सुविधाजनक थे।… और सरकारी फाइलें सोनिया गांधी के घर दस जनपद जाएंगी।