जस्टिस यूयू ललित आज देश के 49वें सीजेआई बन गए। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने जब उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई तब उनकी तीन पीढ़ियां सामने मौजूद थीं। खास बात है कि उनका परिवार पिछले 100 सालों से वकालत के पेशे में है। पिता बांबे हाईकोर्ट के जस्टिस रहे थे तो एक बेटा भी वकालत में है। बावजूद इसके कि IIT गुवाहाटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर चुका है। उसकी पत्नी भी इसी पेशे में है। दूसरा बेटा जरूर वकालत में अपना भविष्य नहीं तलाश सका। वो अमेरिका में सैटल्ड है।

सीजेआई जस्टिस उदय उमेश ललित जस्टिस यूयू ललित का जन्म महाराष्ट्र के सोलापुर में 9 नवंबर 1957 को हुआ था। उनके दादा महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में वकालत करते थे। उनके पिता उमेश रंगनाथ ललित भी नामी वकील रहे हैं। ललित की पत्नी अमिता नोएडा में एक स्कूल चलाती हैं। उनके दो बेटे हैं श्रीयस और हर्षद हैं। श्रीयस वकील हैं तो उनकी पत्नी रवीना भी इसी पेशे में हैं। दूसरा बेटा हर्षद अपनी पत्नी राधिका के साथ अमेरिका में रहता है।

जस्टिस यूयू ललित के पास एक और अनूठी उपलब्धि है। 2014 में उनको वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट जज बनाया गया। सुप्रीम कोर्ट के अभी तक के इतिहास में वह दूसरे ऐसे CJI होंगे जो सीधे वकील से जज बने। उनसे पहले जस्टिस एएम सिकरी यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। वो देश के 13वें सीजेआई थे। सिकरी को मार्च 1964 में सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था। तब वो वकील थे।

हालांकि यूयू ललित का कार्यकाल महज 74 दिनों का होगा। CJI के रूप में, जस्टिस ललित उस कॉलेजियम का नेतृत्व करेंगे जिसमें जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस कौल, जस्टिस नज़ीर और जस्टिस इंदिरा बनर्जी शामिल होंगे। जस्टिस ललित को देश का टॉप क्रिमिनल लॉयर माना जाता है। वो कई हाई प्रोफाइल मामलों की पैरवी कर चुके हैं। 2 जी घोटाले में वो स्पेशल पीपी थे। उनका कार्यकाल 8 नवंबर 2022 तक होगा।

उनका नाम तब भी सुर्खियों में आया था जब वो 2019 में अयोध्या मामले की सुनवाई से अलग हो गए थे। 5 जजों की बेंच से वो यह कहकर अलग हो गए थे कि करीब 20 साल पहले वो अयोध्या विवाद से जुड़े एक आपराधिक मामले में यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह के वकील रह चुके थे।