विदेश मंत्री सुषमा स्वराज एक पत्रकार के उस ट्वीट पर खूब बरसीं जिसमें उन्हें सुझाव दिया गया कि वो पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर उद्घाटन समारोह में शामिल ना होने का फैसला लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार संग नहीं जुड़े रहना चाहतीं। दरअसल सीमी पाशा ने शनिवार (24 नवंबर, 2018) को ट्वीट कर लिखा, ‘क्या किसी और को ये समझ आता है कि सुषमा स्वराज मोदी सरकार और इसकी हरकतों की वजह से अब साथ जुड़ी नहीं रहना चाहती हैं? विदेश मंत्री ने पत्रकार के इस ट्वीट पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है कि उनका यह बयान ‘अपरिपक्व और मूर्खतापूर्ण’ है। दरअसल स्वराज ने शनिवार को बताया था कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरन कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी अगले सप्ताह पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर के अभूतपूर्व समारोह में शामिल होंगे। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इससे पहले कहा था कि इस्लाबाद ने 28 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर के अभूतपूर्व समारोह में शामिल होने के लिए भारतीय विदेश मंत्री को पाकिस्तान आने का न्योता दिया है। मगर स्वराज ने उनकी पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण समारोह शामिल ना हो सकने की बात कही थी।

भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, ‘मेरी पिछली प्रतिबद्धताओं के कारण, जिसमें तेलंगाना में पहले से निर्धारित चुनाव अभियान शामिल है, मैं करतारपुर साहिब यात्रा नहीं कर पाऊंगी। खास बात यह है कि इसके पहले मंगलवार को स्वराज ने सबको चौंकाते हुए घोषणा की कि वो साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाग नहीं लेंगी। इसके पीछे उन्होंने स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने का कारण बताया।’ स्वराज ने बताया कि अपने फैसले की जानकारी उन्होंने पार्टी को दे दी है। इंदौर में उन्होंने कहा कि ‘यह पार्टी के ऊपर है कि वो क्या फैसला लेती है मगर मैंने अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का मन बनाया है।’ स्वराज अभी मध्य प्रदेश के विदिशा से लोकसभा सांसद हैं। दिसंबर 2016 में स्वराज को दिल्ली के एम्स में किडनी प्रत्यारोपण कराना पड़ा था। पूर्व में सुषमा स्वराज दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं।

गौरतलब है कि सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल ने भी उनके 2019 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट में कहा, ‘मैडम (सुषमा स्वराज) अब और चुनाव नहीं लड़ने के आपके फैसले के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। मुझे याद है कि एक वक्त ऐसा आया था, जब मिल्खा सिंह ने दौड़ना बंद कर दिया था।’ उन्होंने कहा, ‘यह दौड़ 1977 से शुरू हुई थी… इसे 41 साल हो गए। आपने लगातार 11 चुनाव लड़े हैं। मतलब आपने 1977 के बाद से सभी चुनाव लड़े हैं। सिर्फ दो बार 1991 और 2004 में पार्टी ने आपको चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी।’ कौशल ने कहा, ‘आप लोकसभा में चार बार, राज्यसभा में तीन बार और राज्य विधानसभा में तीन बार निर्वाचित हुईं। आप 25 साल की उम्र से चुनाव लड़ रही हैं और 41 साल चुनाव लड़ना एक मैराथन की तरह है।’