अग्निपथ स्कीम के विरोध में पूरे देश में बवाल मचा है। सैकड़ों करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हो चुका है तो फिर भी लोग शांत नहीं हो रहे। ऐसे में बाबा रामदेव एक बार फिर से मोदी सरकार के समर्थन में आ खड़े हुए हैं। उनका कहना है कि ब‍िना वेतन एक साल भी सेना में रहने का मौका मिले तो भी जाना चाहिए, क्योंकि इससे अनुशासन सीखने को मिलता है। उनका मानना है कि 1 साल सेना में जाना जरूर चाहिए।

रामदेव ने कहा कि अग्निवीरों को तो सरकार 20 लाख भी दे रही है। उनका कहना था कि प्रदर्शन के पीछे कुछ असामाजिक तत्व भी हैं। वो देश की तरक्की को रोकना चाहते हैं। आंदोलन के पीछे मजहबी लोग भी हैं। कुछ लोगों की आंख में अमित शाह और मोदी खटकते हैं। वो इनको बेदखल करना चाहते हैं। उनका कहना था कि युवाओं को भी सोचना चाहिए। रामदेव बोले कि ऐसे लोग गांधी के के देश के नागरिक नहीं हैं। ये राष्ट्रविरोधी हैं, क्योंकि ये हमारी राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उनका कहना था कि स्कीम सरकार ने सोच समझकर तैयार की है।

योग गुरु ने कहा कि अग्निपथ में जो करेक्शन होगा सरकार कर रही है। उन्होंने युवाओं से अपील है कि कहा कि धीरज रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आंदोलन के स्वर गूंज रहे है कुछ न कुछ समाधान जरूर निकलेगा। रामदेव ने हिंसा करने वाले युवाओं से अग्नीपथ पर नहीं योग पथ पर चलने और अपने आंदोलन को अहिंसक रखकर करने की अपील की है।

बाबा रामदेव ने कहा कि कहा कि अगर विरोध भी करना है तो अहिंसक तरीके से किया जाए. ना कि हिंसक क्योंकि देश की संपदा फूंक कर देश की सेवा नहीं की जा सकती। विपक्ष को रामदेव ने आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अग्निपथ पर नहीं योग पथ पर चले, क्योंकि जो योग पथ पर चलता है वो विरोध भी करता है तो अहिंसक विरोध करता है। बाबा रामदेव ने कहा कि अग्निपथ योजना में जो भी सुधार करना है सरकार उसे करेगी। आगजनी और ट्रेन फूकने से देश का नुकसान होता है राष्ट्र की संपत्ति का नुकसान करना आत्मघात होता है।

उनका कहना था कि स्कीम का विरोध क्यों हो रहा है ये बात वो नहीं समझ पा रहे हैं। उनका कहना था कि चार साल की नौकरी के बाद इन लोगों को लाखों रुपये मिलेंगे। जब ये सेना से बाहर आएंगे तो ये उस पैसे से कारोबार शुरू कर सकते हैं। उनका कहना था कि उन्होंने आज लाखों लोगों को नौकरी दी है। जब कारोबार शुरू किया था तो वो भी अभाव में थे। लेकिन हिम्मत और मेहनत से आगे बढ़कर ये मुकाम हासिल किया।