दिल्ली के लोगों को जल्द ही बड़ा झटका लगने जा रहा है। दिल्ली में बिजली के दाम में बढ़ोतरी होने जा रही है। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) की ओर से बढ़ी हुई दरों को मंजूरी दे दी गई है। अब इस मामले में दिल्ली सरकार की ओर से भी बयान जारी किया गया है। दिल्ली सरकार का कहना है कि यह बढ़ोतरी पावर परचेज एग्रीमेंट के जरिए की जा रही है। इसके तहत बिजली की दरों में बढ़ोतरी या कमी हो सकती है। सरकार का कहना है कि सर्दियों में बिजली की दरों में कमी होती है जबकि गर्मियों में टैरिफ थोड़ा बढ़ जाता है। हर तीन महीने में इसे लेकर समीक्षा की जाती है।

हर तीन महीने में तय होते हैं दाम

दिल्ली सरकार का कहना है कि बिजली की दरों में कमी या बढ़ोतरी को लेकर DERC फैसला लेता है। हर तीन महीने में इसे लेकर समीक्षा बैठक की जाती है। सरकार का कहना है कि बिजली की कीमत कोयले के दाम और गैस की कीमतों पर निर्भर करते हैं। सरकार का कहना है कि इस बढ़ोतरी का दिल्ली की जनता पर सीधा बोझ नहीं पड़ेगा। डीईआरसी ने दिल्ली में बीएसईएस,बीवाईपीएल और एनडीएमसी को पावर परचेज एग्रीमेंट पर दर बढ़ाने की इजाजत दी गई है। टाटा पावर के अतिरिक्त अन्य कंपनियों ने पावर परचेज को लेकर लगाई डीईआरसी में अर्जी लगाई थी, जिसे डीईआरसी ने दी मंजूरी दी है।

BJP ने साधा दिल्ली सरकार पर निशाना

दिल्ली में बिजली की बढ़ी कीमतों को लेकर दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने इसे दिल्ली सरकार और बिजली कंपनी के बीच की मिलीभगत बताते हुए बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी की ढीकरी दिल्ली सरकार पर फोड़ा है। हरीश खुराना ने कहा कि उन्होंने पूछा कि अरविंद केजरीवाल जी, यह बिजली कंपनी के साथ… यह रिश्ता क्या कहलाता है। साथ ही कहा कि बड़ी बेशर्मी से आम आदमी पार्टी कह रही है यह तो हर साल PPAC गर्मी में बढ़ता है और सर्दी में कम हो जाता है। सच्चाई यह है पिछले साल जून में 16% से 22% कर दिया और वो आज तक रहा। अब 22% से 29% कर रहे हैं। वैसे केजरीवाल साहब आपने तो कहा था कि इन कंपनी का CAG ऑडिट करवाऊंगा, लेकिन आप कुछ नहीं कर रहे हैं। र हां… क्यों नहीं, सब्सिडी को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफ़र के ज़रिये लोगो को डायरेक्ट दे।