दिल्ली दंगा मामले में पिंजरा तोड़ की सदस्य नताशा नरवाल की जमानत याचिका के मामले में एक कोर्ट में बहस रामायण और महाभारत के उदाहरणों के साथ होने लगी। अडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत केस की सुनवाई कर रहे थे। स्पेशल सरकारी वकील ने महाभारत का उदाहरण दिया तो जज ने कहा, यह भी एक तरह का षड्यंत्र है, अब ‘धृतराष्ट्र’ को पहचानना है।
इसके बाद डिफेंस लॉयर अदित पुजारी ने जवाब दिया। उन्होंने कहा रामायण की तरह वह न्याय के लिए 14 साल का इंतज़ार नहीं कर सकते। डिफेंस ने कहा कि वह महाभारत के अभिमन्यु की तरह हैं जो कि विपक्षी के ‘चक्रव्यूह’ को तोड़ने में कामयाब जरूर होंगे।
दरअसल पुजारी ने ही हिंदू ग्रंथों का उदाहरण देना शुरू किया था। उन्होंने UAPA चार्जशीट के बारे में कहा था कि यह महाभारत के बाद सबसे बड़ा दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि वॉट्सऐप ग्रुप दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप महाभारत के संजय की तरह था जो कि मुख्य षड्यंत्रकर्ता धृतराष्ट्र को सब कुछ बता रहा था। वकील अमित प्रसाद ने कोर्ट को बताया, ‘बताया गया है कि ये दस्तावेज महाभारत के बाद सबसे बड़े हैं। महाभारत में 22000 पेज थे और इसमें 17000 पेज हैं। मैं बताना चाहता हूं कि महाभारत एक षड्यंत्र की कहानी थी औऱ संयोग से यह भी एक साजिश है। DPSG इस कहानी का संजय है जो कि धृतराष्ट्र को सब कुछ बता रहा था। इनका कहना है कि प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन इश प्रदर्शन का उद्देश्य हिंसा फैलाना था।’
पुजारी ने कोर्ट को बताया, ‘पिछली आठ सुनवाइयों में विपक्षी ने चक्रव्यूह बनाया है। हम अभिमन्यू की तरह इसे तोड़ देंगे। प्रथम दृष्ट्या लगता है कि यह केस बनना ही नहीं चाहिए। हम रामायण की तरह न्याय के लिए 14 साल का इंतजार नहीं कर सकते। इसी तरह सिख दंगों के मामले में हुआ। लोगों को सालों न्याय के लिए इंतजार करना पड़ा।’ पुजारी ने कहा कि इस दंगे में 53 लोगों की मौत हो गई लेकिन चार्जशीट केवल तीन मौतों की पुष्टि कर पाई है। हम ऐसे समाज में रह रहे हैं जिसमें एक पुलिसवाले की जान की कीमत 48 आम लोगों से कहीं ज्यादा है।
