दिल्ली सांप्रदायिक हिंसा से पहले अपने बयान के चलते विवादों में घिरे भाजपा नेता कपिल मिश्रा के समर्थन में अब प्रदेश अध्यक्ष आ गए हैं। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने शनिवार (7 मार्च, 2020) को कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा से पहले दिए गए कपिल मिश्रा के बयान की दंगों में कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने संडे एक्सप्रेस से कहा, ‘इतनी बड़ी घटना में कपिल के बयान का कोई मतलब नहीं है। अपने बयान में उन्होंने तीन दिन की मोहलत दी थी, मगर हिंसा उसी दिन से शुरू हो गई थी।’
उन्होंने कहा कि कपिल मिश्रा पूर्वी दिल्ली के शिव विहार इलाके के दौरे पर थे। मनोज तिवारी ने कहा, ‘मैंने अभी तक दिल्ली सरकार द्वारा बनाए राहत शिविरों का दौरा नहीं किया है। मगर मैं आज (रविवार) वहां जा सकता हूं।’
उल्लेखनीय है कि मनोज तिवारी नें सांप्रदायिक हिंसा के बाद क्षतिग्रस्त स्कूलों का निरीक्षण किया और स्थानीय निवासियों से बात की। तिवारी ने दावा किया, ‘हमला करने के लिए राजधानी स्कूल का इस्तेमाल किया गया। ऐसा लगता है कि तैयारियां पहले से ही कर ली गई थीं। मेरा मानना है कि पांच ऐसी जगह हैं जहां से हिंसा शुरू हुई। शिव विहार, आप पार्षद ताहिर हुसैन का घर, कर्दमपुरी और चांद बाग, जहां प्रदर्शन चल रहा था और जहां शाहदरा के डीसीपी को पीटा गया और हेड कॉस्टेबल रतनलाल की हत्या हुई। पांचवीं जगह है नूर-ए-इलाही इलाका।’
तिवारी ने बताया, ‘मैंने दंगों में मारे गए आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा के परिजनों से मुलाकात की। हम विस्थापितों को खाने के पैकेट मुहैया करा रहे हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि पीड़ितों की चिंताओं को सुना जाए।’
बता दें कि दिल्ली सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। अभी तक पुलिस ने 690 एफआईआर दर्ज की हैं जबकि 2193 लोगों को गिरफ्तार या हिरासत में लिया गया है।