दिल्ली पुलिस प्रमुख बीएस बस्सी ने अरविंद केजरीवाल सरकार के साथ जारी अपने टकराव के बीच दिए एक बेहद कड़े बयान में शुक्रवार को कहा कि यदि दिल्ली पुलिस इस शहर की सरकार के हाथों में आ जाए तो वह राजधानी दिल्ली के इतिहास का ‘सबसे दुर्भाग्यपूर्ण’ दिन होगा। वह केंद्र के अधीन ‘एकदम सही’ काम कर रही है।
बस्सी ने कहा, ‘वह दिल्ली के इतिहास का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन होगा। उन्हें (आप को) एक राजनीतिक मांग करने का अधिकार है। यह राजनीतिक रुख है। दिल्ली के एक नागरिक के तौर पर मुझे यह कहने का अधिकार है कि यह दिल्ली के नागरिकों के लिए सही नहीं है।’ उन्होंने इस बिंदु को उचित ठहराते हुए कहा कि वर्तमान व्यवस्था के तहत दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन है, उसे किसी ‘स्थानीय निहित स्वार्थ’ का सामना नहीं करना पड़ता क्योंकि प्रधानमंत्री या गृह मंत्री का यहां पर कोई स्वार्थ नहीं है।
बस्सी ने कहा, ‘वर्तमान व्यवस्था सर्वश्रेष्ठ है। किसी भी प्रधानमंत्री का दिल्ली में कोई निहित स्वार्थ नहीं जब तक कि वह दिल्ली के न हों। मैंने अपने करियर में ऐसा कोई प्रधानमंत्री नहीं देखा जिसकी दिल्ली में कोई स्थानीय रुचि हो।’
बस्सी ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में कोई भी फेरबदल राजधानी दिल्ली के निवासियों के साथ ‘अन्याय’ होगा क्योंकि वर्तमान में दिल्ली पुलिस को ‘उचित स्वायत्तता’ है। उन्होंने कहा, ‘कोई भी फेरबदल दिल्ली के लोगों के साथ अन्याय होगा क्योंकि इससे पुलिस मजबूत नहीं होगी बल्कि कमजोर होगी। यदि आप फेरबदल करते हैं और उसे शहर की सरकार के अधीन कर देते हैं तो स्थानीय निहित स्वार्थ काम करने लगेंगे। मैंने गोवा, पांडिचेरी में काम किया है और उसके आधार पर मैं यह कह सकता हूं कि यदि इसे शहर की सरकार के अधीन लाया जाता है, स्थानीय निहित स्वार्थ काम करने लगेंगे।’
आप सरकार के पूर्ण राज्य के मुद्दे पर जनमत संग्रह कराने पर विचार करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कदम ‘असंवैधानिक’ होगा। उन्होंने कहा, ‘भारतीय संविधान के तहत कोई भी जनमत संग्रह असंवैधानिक है। वर्तमान भारतीय संविधान किसी जनमत संग्रह की अनुमति नहीं देता और जब तक कि संविधान में कोई संशोधन नहीं होता इसकी अनुमति नहीं होगी। यह असंवैधानिक कृत्य होगा।’
उन्होंने कहा कि वर्तमान गतिरोध के चलते कोई ‘संवैधानिक व्यवधान’ आने की कोई संभावना नहीं है क्योंकि यह ‘एक बहुत ही छोटा तूफान है जो गुजर जाएगा।’ बस्सी ने आप सरकार की ओर से जारी शृंखलाबद्ध विज्ञापनों का उल्लेख किया जिसमें से कुछ में दिल्ली पुलिस को भी निशाना बनाया गया है और कहा, ‘वर्तमान में लोग सच्चाई समझते हैं और राजनीतिक मुद्राओं को समझ सकते हैं। उनकी (जनता की) समस्या रोजी रोटी है इसलिए ये मुद्दे उनके लिए मनोरंजन की तरह हैं।’’