राजनीति के क्षेत्र में उतरने के दौरान संघर्ष कर रहे अरविंद केजरीवाल को रहने के लिए घर की पेशकश करने वाले दो व्यक्तियों को आम आदमी पार्टी ने बदले में एमसीडी चुनावों का और एक विधानसभा उपचुनाव का टिकट दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर अपने पहले कार्यकाल से इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल जब रहने के लिए ऐसा घर तलाश रहे थे जहां वह रह सकें और अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर सकें, तब नरेन जैन (62) ने उन्हें रहने के लिए अपना घर देने की पेशकश की थी।
बहरहाल, कुछ कानूनी मुद्दों के चलते केजरीवाल जैन के घर में नहीं रह सके। अब आप ने उन्हें उत्तर दिल्ली नगर निगम के चांदनी चौक वार्ड से टिकट दिया है। हरजीत सिंह (57) ने आप के शुरूआती दिनों में उसे 41, हनुमान रोड स्थित अपना मकान दिया था। मध्य दिल्ली के इसी पते का इस्तेमाल कर केजरीवाल ने वर्ष 2013 के विधानसभा चुनावों में दिल्ली निवासी के तौर पर अपना नामांकन भरा था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री तब आयकर विभाग द्वारा उनकी पत्नी को औपचारिक तौर पर आबंटित उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के कौशांबी स्थित सरकारी क्वार्टर में रह रहे थे।
अब पार्टी ने राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव के लिये सिंह को टिकट दिया है। वहां नौ अप्रैल को उपचुनाव होंगे। हाल ही में पंजाब में संपन्न विधानसभा चुनाव लड़ने के लिये आप विधायक के पद से जरनैल सिंह के इस्तीफे के चलते यह सीट खाली हुई थी।
केजरीवाल को एक ऐसे घर की तलाश थी जहां पार्टी नेताओं और स्वंयसेवकों को बुलाया जा सके। लंबी तालश के बाद आखिरकार केजरीवाल को अपने मनमाफिक एक नया घर मिला। वो था 4-B, फ्लैग स्टाफ रोड, सिविल लाइंस। यह एक पुरानी कोठी है, जो 13-14 साल से बंद पड़ी थी। 1980 में चांदनी चौक सीट से कांग्रेस के सांसद रहे भीखू राम जैन के बेटे नरेन जैन इस कोठी के मालिक हैं।
इसमें दलचस्प बात ये है कि नरेन जैन ने महज एक रूपये की टोकन मनी में यह कोठी केजरीवाल को ऑफर की थी, लेकिन केजरीवाल पूरा किराया देकर यहां रहना चाहते थे। यह कोठी लंबे समय से बंद पड़ी थी और इसका रेनोवेशन कराए बिना यहां रहना नामुमकिन है, ऐसे में इस बात पर सहमति बनी कि रेनोवेशन का पूरा खर्च केजरीवाल खुद उठाएंगे और उसके किराये के रूप में एडजस्ट कर लिया जाएगा। हालांकि, बाद में पार्टी कार्यालय ईस्ट पटेल नगर स्थानांतरित हो गया।