दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के हड़ताली कर्मचारियों ने बुधवार को उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर के बाहर कूड़े का अंबार लगा दिया। कर्मचारी दिल्ली सरकार पर बकाया नहीं चुकाने का आरोप लगाते हुए कई दिन से हड़ताल पर हैं।
Delhi: MCD workers place mounds of garbage outside Manish Sisodia’s residence in a protest over non-payment of dues. pic.twitter.com/qvEXKe21vh
— ANI (@ANI_news) January 28, 2016
Delhi: MCD workers place mounds of garbage outside Manish Sisodia’s residence in a protest over non-payment of dues. pic.twitter.com/6z6PkhF7MS
— ANI (@ANI_news) January 28, 2016
सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते दिल्ली में जगह-जगह कूड़े का ढेर लग गया है। मामला कोर्ट तक पहुंच गया है। मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने सफाई कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल को देखते हुए दिल्ली के पुलिस प्रमुख को यह तय करने के लिए कहा कि नगर निगमों के समन्वय से कचरा उठाने में किसी तरह की बाधा नहीं आए। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ के खंडपीठ ने कहा, ‘पुलिस आयुक्त (बीएस बस्सी) को यह तय करना है कि नगर निगमों के साथ समन्वय करके सड़कों से कचरा हटाया जाए’। पीठ ने कहा कि नगर निगम के कार्य में किसी भी तरह का व्यवधान नहीं आना चाहिए।
अदालत ने शहरी विकास मंत्रालय, दिल्ली सरकार और दिल्ली के तीन नगर निगमों (एमसीडी) को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता राहुल बिड़ला के इस दावे पर उनका पक्ष मांगा कि संबंधित अधिकारी साल 2003 से एमसीडी के कर्मियों की तनख्वाह और बकाया राशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं।
अदालत ने याचिका में उठाए गए एक मुद्दे पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) से जवाब मांगा जिसमें कहा गया है कि उसके पास एमसीडी की बड़ी धनराशि है लेकिन वह उसका भुगतान नहीं कर रहा है। अधिवक्ता विशाल मित्तल के जरिए दायर की याचिका पर अदालत ने नोटिस जारी किया जिसमें कर्मचारियों के वेतन और बकाया राशि के तत्काल भुगतान के लिए अधिकारियों को अदालत द्वारा निर्देश देने की मांग की गई है। दिल्ली सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया कि उन लोगों ने नगर निगमों की सौ फीसद राशि जारी कर दी है।

