दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज के यौन उत्पीड़न के आरोपी प्रोफेसर सतीश कुमार को हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी से राहत दे दी है। वहीं मानव संसाधन मंत्रालय ने इस विवाद में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है।

हाई कोर्ट ने प्रोफेसर सतीश कुमार को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 17 अगस्त तक के लिए रोक लगा दी। न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर ने कुमार की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर अगली तारीख से पहले मामले की जांच में हुई प्रगति की रिपोर्ट पेश करने को कहा है। अदालत ने प्रतिवादी की ओर से बुलाए जाने पर याचिकाकर्ता (कुमार) को जांच में शामिल होने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।

कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने यह कहते हुए अग्रिम जमानत की मांग की कि लड़की की ओर से लगाए गए आरोप मनगढ़ंत हैं। शिकायत में उल्लेख किसी भी घटना का एक भी प्रत्यक्षदर्शी नहीं है।

दिल्ली पुलिस के वकील ने कुमार की अग्रिम जमानत का यह कहते हुए विरोध किया कि कल शिकायतकर्ता (लड़की) ने आरोपी और प्राचार्य के बीच लड़की की उपस्थित में हुई बाचचीत का एक टेप सौंपा है। इसमें कॉलेज प्रमुख को प्रभावित करते हुए सुनाई पड़ रहे हैं।

प्रोफेसर सतीश कुमार कॉलेज के रसायन विभाग में सहायक प्रोफेसर हैं। उन्होंने निचली अदालत के 23 जून के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था। याचिका में यह भी कहा गया है कि प्रोफसर लड़की से छेड़छाड़ या उसका पीछा नहीं कर सकता है, क्योंकि वह 85 फीसद शारीरिक रूप से विकलांग हैं और छड़ी के सहारे चलता है।

पीड़ित छात्रा ने 19 जून को 40 साल के कुमार के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने उसका यौन शोषण किया। कॉलेज अधिकारियों से जब इसकी शिकायत की गई तो कॉलेज के प्राचार्य ने आरोपी को बचाने का प्रयास किया।

उधर, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस विवाद में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। मंत्रालय का कहना है कि इस प्रकार के मामलों को संस्थान की आंतरिक शिकायत समिति सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के मुताबिक निपटाए। मंत्रालय ने हालांकि कालेज से कहा है कि वो न्याय सुनिश्चित करने के लिए अपनी जांच में तेजी लाएं।