कुछ पैसे बचाने के लिए गुड़गांव और फरीदाबाद जैसे पड़ोस के इलाकों से दिल्ली में एक लीटर से अधिक शराब लाने वाले लोगों को अब जेल की हवा खानी पड़ सकती है, क्योंकि दिल्ली सरकार ने ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं। इस कदम का उद्देश्य घाटे को पाट कर राजस्व को बढ़ावा देना है क्योंकि दिल्ली सरकार को कर संबंधी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, जिससे पड़ोसी राज्य हरियाणा को फायदा हो रहा है।

दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी की सीमा से लगे रोहतक, सोनीपत, गुड़गांव और फरीदाबाद में सक्रिय शराब की दुकानों का निरीक्षण कर इस अभ्यास की व्यापकता का पता लगाने के लिए टीमें गठित की हैं। सरकार के अनुसार वर्तमान आबकारी अधिनियम 2009 की धारा 33 के तहत कोई भी व्यक्ति दूसरे राज्यों से दिल्ली में एक लीटर से अधिक शराब नहीं ला सकता। धारा का उल्लंघन करने पर लोगों को तीन साल तक की कैद हो सकती है और तीन लाख रुपए तक का जुर्माना देना पड़ा सकता है।

पड़ोसी के बलात्कार का ‘घिनौना कृत्य’ करने के दोषी को सात साल की सजा
नई दिल्ली, 2 अगस्त (जनसत्ता)। दिल्ली की एक अदालत ने अपने पड़ोसी का बलात्कार करने वाले एक व्यक्ति को सात साल के कारावास की सजा सुनाते हुए कहा कि दोषी ने ‘घिनौना कृत्य किया है’ और वह इसके लिए उचित सजा का हकदार है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजीव जैन ने कहा कि हमें पीड़ित की हालत देखनी चाहिए, जिसके साथ बलात्कार हुआ, जिसे दुनिया भर में समाज में नैतिक और शारीरिक रू प से सबसे ज्यादा निंदनीय अपराधों में से एक और पीड़ित के शरीर, मन, निजता और पूरे ढांचे पर हमला माना जाता है।

अदालत ने कहा कि पीड़ित की गरिमा को बहुत ठेस पहुंची है और इस अपराध से जुड़ा सामाजिक कलंक ऐसा है कि कई बार पीड़ित की ओर से इस अपराध की जानकारी तक नहीं दी जाती।

इस मामले में दोषी ने बलात्कार का घिनौना कृत्य किया है और वह इसके लिए उचित सजा का हकदार है। अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत दिल्ली के निवासी सत्यजीत कुमार जायसवाल पर पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। इसके अलावा अदालत ने सिफारिश की कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से कानून के प्रावधानों के तहत पीड़ित को उचित मुआवजा भी दिया जाए।

अदालत ने 24 जुलाई को जायसवाल को दोषी ठहराते हुए कहा था कि अभियोजन पक्ष तार्किक संदेह से परे उसके दोष को साबित करने में सफल रहा।
दंपति की हत्या और लूटपाट के जुर्म में व्यक्ति को उम्र कैद : दिल्ली की एक अदालत ने दक्षिण दिल्ली इलाके में एक बुजुर्ग दंपति की हत्या करने और लूटपाट करने के जुर्म में एक व्यक्ति को उम्र कैद की सजा सुनाई है। इस अपराधी ने बुुजुर्ग दंपति के घरेलू सेवक के साथ मिलकर यह अपराध करने की साजिश रची थी।

अतिरिक्त सत्र न्यायालय संदीप यादव ने घनश्याम (26) को हत्या, और लूटपाट के दौरान जख्मी करने और हत्या के प्रयास, आपराधिक साजिश रचने और चोरी की संपत्ति प्राप्त करने के जुर्म मे दोषी ठहराते हुए उसे उम्र कैद की सजा सुनाई। जज ने कहा कि जैसा ऊपर उल्लिखित है, अभियुक्त नीति बाग इलाके में किशोर के साथ साजिश रचकर लूटपाट करने और दोहरी हत्या करने का दोषी पाया गया है।

मुकदमे की सुनवाई के दौरान यह साबित हो गया है कि यह दोषी और किशोर की हत्या करने की सुनियोजित साजिश थी। अदालत ने कहा कि बिहार निवासी घनश्याम दोहरी हत्या के जुर्म में दो उम्र कैद की सजा भुगतेगा। इसके बाद वह लूटपाट के दौरान चोट पहुंचाने के जुर्म में दस साल की सजा भुगतेगा और अंत में चोरी की संपत्ति प्राप्त करने के जुर्म में उसे एक साल की कैद की सजा भुगतनी होगी।

पुलिस के अनुसर दक्षिण दिल्ली के नीति बाग इलाके में 62 साल के अशोक गोयल और उनकी 55 साल की पत्नी लता गोयल 26 मई 2008 को मृत पाए गए थे जबकि उनके घर का सामान अस्त व्यस्त था। पुलिस ने बताया कि घर से सवा लाख रुपए की नकदी, आभूषण और मोबाइल सहित कुछ सामान लुटेरे लूट ले गए थे। अभियोजन के अनुसार इस वारदात का पता उस समय चला जब उनकी बेटी के बार बार फोन करने पर भी इस दंपति ने फोन नहीं उठाया तो उसने पुलिस को सूचित किया।

मौके पर पहुंची पुलिस ने घर का ताला तोड़ा तो अंदर इस दंपति के शव मिले। वारदात से कुछ दिन पहले ही रखे गए घरेलू सेवक पर संदेह हुआ क्योंकि वह कहीं नजर नहीं आया। जांच के दौरान घनश्याम की भूमिका सामने आई और बाद में उसने पुलिस की पूछताछ के दौरान कबूल किया कि किशोर के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया गया।