दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज बाबासाहब अंबेडकर के 131 वें जन्मदिन के अवसर पर एक कार्यक्रम में शमिल हुए। जहां उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों की तारीफ की और विपक्ष के नेताओं को निशाने पर लिया।केजरीवाल ने कहा कि 2013 से पहले दिल्ली में दो तरह की शिक्षा प्रणाली शुरू हो गई थी। एक थी अमीर बच्चों के लिए और दूसरी गरीब बच्चों के लिए। पैसे वालों के अमीर बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते थे जबकि गरीबों के बच्चे सरकारी स्कूलों में थे। सरकारी स्कूलों को जान बूझकर पिछले 75 सालों में और बेकार बना दिए गए। हमे लगा कि सरकारी स्कूलों को ठीक करने में काफी समय लगेगा लेकिन हमने पांच साल में करके दिखा दिया।

सत्ता में आने के बाद सरकारी स्कूलों को ठीक करने के हमारे पास दो मुख्य रास्ते थे। पहला हम सभी आईएएस और अधिकारियों से कहें कि वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों भेजना शुरू करें। दूसरा कि सरकारी स्कूलों को इतना अच्छा बना दें कि ये सब अधिकारी अपने बच्चों को अपने आप सरकारी स्कूलों में भेजें।

अब स्कूलों पर रही तू-तू, मैं-मैं: केजरीवाल ने कहा कि पहले राजनीति में केवल गुंडागर्दी और गली- गलौच होती थी। अब यह सब बदल रहा है। राजनीति में अब स्कूल मुद्दा बन गया है। पहले हम कहते थे कि तुम्हारे स्कूल गंदे हैं। वो भी कहने लगे हैं कि तुम्हारें स्कूल खराब है। हम हरियाणा, गुजरात जाकर कहते हैं कि तुम्हारे स्कूल खराब है। वो कहते हैं कि पहले अपने स्कूलों संभालो। राजनीति मैं अब यह अच्छी बात हुई है कि तू-तू, मैं-मैं स्कूलों पर हो रही है।

दिल्ली में हमारी विपक्षियों पार्टियों के नेता भी सरकारी स्कूलों में जाकर हमारी कमियां निकाल रहे हैं। दिल्ली के एक एमपी ने एक सरकारी स्कूल में टूटे टायल के सामने फोटो खिचवाई और कहा देखो केजरीवाल यहां टायल टूटी पड़ी है। फिर एक ने कहा कि देखो सरकारी स्कूल में पेंट नहीं हो रहा है। हमे इनका बुरा नहीं मानना है। मैंने तुरंत फोन कर उस स्कूल में टायल ठीक कराने का आदेश दिया।

गौरतलब है कुछ दिनों पहले नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, सांसद रमेश बिधूड़ी, सांसद परवेश वर्मा और भाजपा के महामंत्री कुलजीत चहल ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों का दौरा किया था।