दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगमों की ओर से लघु उद्योगों को सील किए जाने के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। पार्टी ने इसके खिलाफ राजधानी में धरना-प्रदर्शनों का आयोजन शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत मंगलवार को त्रिनगर इलाके से की गई। त्रिनगर में मंगलवार को आयोजित धरने को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता चतर सिंह ने कहा कि यूपीए सरकार में शहरी विकास मंत्री रहे दिल्ली कांग्रेस के मुखिया अजय माकन ने 2021 के मास्टर प्लान में सैकड़ों लघु उद्योगों को रिहायशी क्षेत्रों में चलाने की अनुमति दी थी, क्योंकि इन उद्योगों से क्षेत्र में किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं फैलता। उन्होंने कहा कि जब-जब भाजपा सरकार सत्ता में आई है तब-तब उसने गलत नीतियां बनाकर छोटे उद्योग धंधों को बर्बाद किया है, जिससे न सिर्फ छोटे व्यापारी भुखमरी की कगार पर आ गए हैं, बल्कि बड़े स्तर पर बेरोजगारी भी फैली है। उन्होंने कहा कि भाजपा की बी-टीम के रूप में बीते तीन सालों में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने भी जन विरोधी कार्य किए हैं।
सिंह ने कहा कि पहले तो केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा थोपी गई नोटबंदी ने छोटे उद्योगपतियों, दुकानदारों व आम जनता को परेशानी में डाला, उसके बाद रही सही कसर जीएसटी ने पूरी कर दी। उन्होंने कहा कि लोग अभी नोटबंदी और जीएसटी के कहर से उबर भी नहीं पाए थे कि अब आप सरकार और भाजपा शासित नगर निगमों ने राजधानी में चल रहे छोटे उद्योगों को बिना किसी वाजिब कारण के सील करना शुरू कर दिया है, जिसमें छोटे गोदाम व दुकानें भी शामिल हैं।पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि जब कभी दिल्ली और केंद्र में कांग्रेस की सरकारें रही हैं, उस दरम्यान उद्योग धंधों को बसाकर उनकी रक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि वे त्रिनगर से दस साल विधायक रहे, लेकिन एक भी फैक्टरी को न तो किसी ने नाजायज तरीके से परेशान किया और न ही उस पर ताला लगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से कई बार मास्टर प्लान में आने वाले उद्योगों को सूची में डलवाया था। प्रदर्शन में हरी किशन जिंदल, चमन लाल शर्मा, रोशन लाल गर्ग, पूर्व निगम पार्षद एन राजा, मनोज यादव, सतेंद्र शर्मा व रोशन लाल आहुजा सहित सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता व उद्योगपति भी मौजूद थे।