नगर निगम चुनाव में जीतने वाले पार्षदों के शपथ ग्रहण की तारीखें उपराज्यपाल के पास भेजे जाने के बाद अब मेयर पद के लिए भी पार्षदों ने अपने आकाओं के यहां दौड़-भाग शुरू कर दी है। मेयर, स्थायी समिति के अध्यक्ष और सदन के नेता इन तीन महत्त्वपूर्ण पदों के लिए तीनों निगमों के चुने गए पार्षद भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं सहित संघ के प्रतिनिधियों के यहां भी दस्तक दे रहे हैं। चुनाव के बाद तीनों निगमों में पहले साल मेयर का पद महिलाओं के लिए आरक्षित होता है। इसलिए भाजपा की अनुभवी महिला पार्षदों सहित कुछ नए नामों पर भी चर्चा शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि तीनों निगमों में 18 से 22 मई के बीच का समय सुझाव के रूप में भेजा गया है। इस प्रक्रिया में मुख्य सचिव, उपमुख्यमंत्री व मुख्यमंत्री के बाद उपराज्यपाल को अंतिम मुहर लगानी है। दिल्ली में निगम के बंटवारे से पहले मेयर का पद शहर के पहले नागरिक का होता था, लेकिन बंटवारे के बाद तीन निगम बने तो मेयर का पद उतना महत्त्वपूर्ण नहीं रह गया। बीते कार्यकाल में दक्षिणी दिल्ली में भाजपा को मेयर के चयन के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी, लेकिन इस चुनाव में भाजपा को तीनों निगमों में ऐेसी जीत मिली है, जिससे पांच साल तक उस पर कोई उंगली भी नहीं उठा सकता।
मौजूदा चुनाव में 270 पार्षद चुनकर आ चुके हैं। वहीं दो वार्डों में मई में चुनाव होना है। भाजपा के ज्यादातर पार्षद नए हैं, लेकिन कुछ पुराने लोगों ने भी चुनाव जीता है। पहले साल मेयर पद की महिला दावेदारों में इस समय दक्षिणी दिल्ली में चार नाम आगे हैं। इनमें मालवीय नगर से जीतीं डॉ नंदिनी शर्मा, ग्रेटर कैलाश से शिखा राय, पश्चिमी दिल्ली से कमलजीत सहरावत और विकासपुरी से सरिता जिंदल का नाम प्रमुख दावेदारों में है। डॉ नंदिनी पढ़ी-लिखी तो हैं ही, साथ ही उन्होंने पार्टी में रहते हुए झुग्गी-झोपड़ियों पर काफी काम किया है। शिखा राय पार्टी में प्रदेश स्तर पर कई पदों पर रह चुकी और इस बार भी निगम चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की है। कमलजीत सहरावत भी महिला मोर्चा की अध्यक्ष रही हैं। सरिता जिंदल भी पार्टी की पुरानी कार्यकर्ता हैं। वह भी पार्षद रह चुकी हैं। कहा जा रहा है कि प्रदेश नेतृत्व के बाद संगठन और फिर जरूरत पड़ी तो संघ की ओर से भी मेयर के नाम पर मुहर लगाई जा सकती है।
इसी तरह उत्तरी निगम में भी कई महिलाएं निर्वाचित हुई हैं। अलीपुर से निशा मान व रोहिणी से अंजू जैन भाजपा की पुरानी कार्यकर्ता हैं। इसके अलावा संतनगर से कल्पना झा, मल्कागंज से गुड्डी, मुखर्जीनगर से पूजा मदान, आदर्शनगर से गरिमा गुप्ता जैसे और भी कई नाम हैं जिन पर भाजपा के दिग्गजों का हाथ है। अगर पार्टी ने पुरानी महिला कार्यकर्ता को मेयर बनाया तो फिर निशा मान और अंजू जैन की दावेदारी प्रमुख होगी। पूर्वी दिल्ली में स्थिति कुछ अलग है। पूर्वांचल बहुल इलाका होने के कारण यहां कई नाम सामने आते हैं, लेकिन अंतिम समय में पूर्वांचल की किसी महिला को मेयर बना दिया जाता है। यहां की पुरानी भाजपा कार्यकर्ताओं में नीमा भगत, कंचन माहेश्वरी, नीतू त्रिपाठी, अर्पणा गोयल व रेखा दीक्षित के साथ दो नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं- अंजू कमलकांत और दुर्गेश तिवारी का। अंजू राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े रामकरण की बहू हैं तो दुर्गेश पूर्व सांसद लालबिहारी तिवारी की बहू। इन दोनों नामों पर ऊपर से विचार हो सकता है। अंजू के पति कमलकांत भाजपा में जिला स्तर पर काफी सक्रिय हैं लिहाजा उनके नाम पर विचार किया जा सकता है।

