अगस्त 2017 से आरएसएस और बीजेपी ये दावा कर सकती है कि भारत की सत्ता के अहम पदों उनके कैडर काबिज है। राष्ट्रपति पद के लिए बीजेपी नेता मैदान में हैं। उपराष्ट्रपति पद के लिए भी बहुत संभव है कि बीजेपी और आरएसएस ऐसे ही किसी शख्स को ये जिम्मेदारी दे। अपने पसंद का राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनने के बाद बीजेपी और आरएसएस की कोशिश है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति सचिवालय में भी आरएसएस और बीजेपी कैडर के लोगों को भरा जाए। बीजेपी और आरएसएस ने इसके लिए काम शुरू भी कर दिया है और काबिल लोगों की तलाश की जा रही है। अंग्रेजी वेबसाइट रेडिफ डॉट कॉम के मुताबिक बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह चाहते हैं कि राष्ट्रपति सचिवालय में कम से कम 25 ऐसे वरिष्ठ लोगों की नियुक्तियां की जाए। इसका एक और मकसद ये भी है कि जब रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति बनें तो उन्हें संघ और बीजेपी के ये कैडर शासन चलाने में सहयोग करें। उपराष्ट्रपति सचिवालय में भी 15 ऐसी ही वैकेंसी है, जहां बीजेपी और आरएसएस अपने अपने कार्यकर्ताओं को भरना चाहती है।
रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह मानते हैं कि 2014 में देश ने नरेन्द्र मोदी और बीजेपी को जो प्रचंड जनादेश दिया है, उसका एक मकसद ये भी है कि बीजेपी और संघ अपने लोगों को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति बना सके। बता दें कि दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दफ़्तर को सत्ता का तीन मूर्ति केन्द्र कहा जाता है। पीएम ऑफिस में नरेन्द्र मोदी पहले ही मौजूद हैं, अगस्त के बाद राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति में भी बीजेपी और आरएसएस का कैडर विराजमान होगा। इस तरह बीजेपी और आरएसएस भारत पर शासन करने के अपने लक्ष्य को पूरा सक सकेगी।