केरल में एक दलित युवती से कथित बलात्कार और उसकी हत्या की घटना का मामला बुधवार (11 मई) को लोकसभा में उठा और सरकार से इस मामले में सीबीआइ जांच कराने की मांग की गई। भाजपा के अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि इस घटना को अंजाम देने वालों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। इसलिए मेरी प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मांग है कि घटना की जांच सीबीआइ से कराई जाए।
उन्होंने आरोप लगाया कि घटना की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) में भी उच्चस्तरीय अधिकारी शामिल नहीं हैं। मेघवाल ने कहा कि वे इस मामले में पड़ताल के लिए भाजपा सांसदों उदित राज और मीनाक्षी लेखी के साथ राज्य के दौरे पर गए थे तो पता चला कि बलात्कार की शिकार 29 साल की कानून की छात्रा की मां को उसका शव नहीं देखने दिया गया।
मेघवाल ने कहा कि घटना के बारे में मीडिया में खबरें आने के बाद पता चला कि इसमें कोई मेडिकल बोर्ड भी नहीं गठित किया गया और सामान्य मेडिकल कराया गया। उन्होंने कहा कि घटना की प्राथमिकी उसी दिन दर्ज नहीं की गई और इस मामले में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अत्याचार रोकथाम अधिनियम भी बाद में लगाया गया। केरल के एर्णाकुलम के पेरुंबवूर में गत 28 अप्रैल को युवती के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी जघन्य हत्या कर दी गई थी।
मेघवाल के बयान के बाद कांग्रेस के गौरव गोगोई ने पलटवार करते हुए कहा कि राजस्थान में 13 साल की एक लड़की से बलात्कार के मामले को भी सीबीआइ को सौंपा जाना चाहिए। इस पर भाजपा के कुछ सदस्यों को यह कहते सुना गया कि मामले की जांच के लिए सीबीआइ को कह दिया गया है।