दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) बुधवार को कैबिनेट में अपने साथी रहे मनीष सिसोदिया को याद कर भावुक हो गए। केजरीवाल दिल्ली के एक शिक्षण संस्थान के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे, इसी दौरान वो मनीष सिसोदिया को याद कर भावुक हो गए। दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया कथित शराब घोटाले से जुड़े मामले में इस समय जेल में बंद हैं।

कार्यक्रम में बोलते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये लोग चाहते हैं कि दिल्ली की शिक्षा पर जो काम हो रहा है, वो न हो। हम उसे खत्म नहीं होने देंगे। मनीष सिसोदिया ने दिल्ली की शिक्षा पर काम करना शुरू किया था। उनका सपना था कि दिल्ली के हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। इन्होंने झूठे आरोप लगाकर, फर्जी मुकदमे करके उन्हें जेल में डाला हुआ है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि देश में बड़े-बड़े डाकू घूम रहे हैं, उनको नहीं पकड़ते, मनीष सिसोदिया को जेल में इसलिए डाला हुआ क्योंकि वो अच्छे स्कूल बना रहा है, अच्छी पढ़ाई दे रहा है। अगर वो अच्छा काम नहीं करता तो किसी भी हालत में वो मनीष सिसोदिया को जेल में नहीं डालते। उन्हें तकलीफ हो रही है कि इस तरफ से अच्छे स्कूल बन रहे हैं आम आदमी पार्टी का प्रचार हो रहा है।

उन्होंने आगे कहा, “मैं जहां भी जाता हूं दिल्ली में हर तरफ एक ही बात होती कि दिल्ली के स्कूल बहुत अच्छे बन रहे हैं। नतीजे अच्छे आ रहे हैं। गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल रही है। इसलिए ही इनको तकलीफ हो रही है। अगर मनीष सिसोदिया ये काम नहीं करते तो उनको तकलीफ नहीं होती। हमें मनीष सिसोदिया के काम को नहीं रुकने देना, मुझे विश्वास है कि वो बहुत जल्दी जेल से बाहर आएंगे।”

बवाना में बीआर अंबेडकर स्कूल का किया उद्घाटन

राजधानी के बवाला में बी आर अम्बेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस की नई ब्रांच का उद्घाटन करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, “मैं आज मनीष सिसोदिया को मिस कर रहा हूं। मनीष सिसोदिया ने सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत की थी। उन्होंने उस पर झूठा आरोप लगाया और गलत तरीके से उन्हें जेल में डाल दिया।”

बीजेपी पर हमला करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वो शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली के विकास को रोकना चाहते हैं। वो चाहते हैं कि दिल्ली में हुई शिक्षा की क्रांति खत्म हो जाए लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। पूरी दुनिया के लोगों का यही मानना है कि हमारे स्कूल बेस्ट हैं।