केजरीवाल सरकार ने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष बरखा सिंह को कारण बताओ नोटिस भेजा है। सरकार ने उनसे पूछा है कि अधिकारों का दुरुपयोग पर उन्हें पद से क्यों नहीं हटाया जाए। सरकार ने कांग्रेस की पूर्व विधायक और जुलाई में आयोग अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हो रहीं बरखा से तीन दिन के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा है। सरकार ने कहा कि यह नोटिस आयोग की एक सदस्य की ओर से उनके खिलाफ की गई शिकायत के बाद जारी किया गया है। शिकायत आयोग की सदस्य जूही खान ने की है।

वहीं बरखा सिंह ने कहा है कि शुक्रवार दोपहर बाद उन्हें सरकार का नोटिस मिला है। वे उचित समय पर उसका जवाब देंगी। उन्होंने कहा, वे सोशल मीडिया पर आप समर्थकों के चलाए जा रहे ‘घटिया अभियान’ से दुखी हैं। वे किसी राजनीतिक दल के लोगों से इस तरह की टिप्पणियों की उम्मीद कभी भी नहीं कर रही थीं। उन्होंने दोहराया कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।

कारण बताओ नोटिस में कहा गया कि आप नेता कुमार विश्वास के खिलाफ एक शिकायत से निपटने के दौरान बरखा सिंह के अनियमित क्रिया-कलापों के बारे में पता चला है। इससे पहले इस महीने डीसीडब्लू प्रमुख ने विश्वास को तलब किया था क्योंकि आप की एक कार्यकर्ता ने विश्वास पर उससे अवैध संबंधों की ‘अफवाहों’ से इनकार नहीं करने और उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था। डीसीडब्लू सदस्य खान ने विश्वास को तलब करने का विरोध किया था और बरखा पर आप नेता को बदनाम करने की कोशिश करने का प्रयास करने का आरोप लगाया था।

सरकार ने अपने नोटिस में कहा कि आयोग की ओर से विश्वास के लिए जारी नोटिस किसी भी तरह से उन मामलों से संबंधित नहीं है जिनसे आयोग निपट सकता है और पहली नजर में जिस तरह से नोटिस जारी किया गया, वह आयोग के दायरे से बाहर है। सरकार ने कहा कि कथित घटना से जुड़े लोग उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी हैं और कथित घटना की जगह भी उत्तर प्रदेश है, इसलिए पहली नजर में आपका नोटिस आयोग के क्षेत्राधिकार से बाहर का है।

इसमें कहा गया कि पांच मई को बरखा ने इस मुद्दे पर संवाददाता सम्मेलन बुलाया जबकि आयोग के ‘शिकायत निबटारा नीति’ में किसी विषय पर उस समय संवाददाता सम्मेलन बुलाने का कोई प्रावधान नहीं है, जब यह मामला आयोग के सामने लंबित हो।

*सरकार ने बरखा सिंह से पूछा है कि अधिकारों के दुरुपयोग पर उन्हें पद से क्यों नहीं हटाया जाए।
*सरकार ने तीन दिन के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा है।
*नोटिस आयोग की सदस्य जूही खान की ओर से की गई शिकायत के बाद जारी किया गया है।