प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) पर एक साथ निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि पिछले कई घटनाक्रमों से यह साबित हो गया है कि आप ने कांग्रेस के खिलाफ भाजपा के साथ अघोषित गठबंधन किया है और वह भाजपा व आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के कथित कांग्रेस मुक्त भारत के असंभव अभियान से जुड़ी हुई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री माकन ने कहा कि दिल्ली और देश के कई राज्यों की जनता आप की असलियत जान चुकी है। यह भी साबित हो गया है कि आप के नेताओं को सरकार चलाना नहीं आता है। वे तो केवल झूठे वादे करके जनता को बरगलाने का काम कर रहे हैं।

माकन ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को बड़े खुलासे की घोषणा की थी, लेकिन असलियत में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुणगान करते दिखे। कांग्रेस को दरकिनार करके और उसी के वोट हड़प कर दिल्ली की सत्ता में आई आप के खिलाफ लगातार जनजागरण करके कांग्रेस ने अपने मतदाताओं का समर्थन दोबारा हासिल करना शुरू कर दिया है। इसका सबसे बड़ा सबूत मई में हुए नगर निगमों की 13 सीटों का उपचुनाव है, जिसमें कांग्रेस को अपने परंपरागत मतदाताओं के बूते पांच सीटें मिलीं। माकन ने दावा किया कि जब भी गलत तरीके से संसदीय सचिव बनाए गए आप के 21 विधायकों की सदस्यता रद्द होगी और उपचुनाव होंगे, तो उन सभी 21 सीटों से आप का सफाया हो जाएगा।

माकन ने कहा कि केजरीवाल की पार्टी आप तो अण्णा हजारे के आंदोलन की उपज है। उस आंदोलन के साथ आरएसएस के लोग भी थे, दूसरे सत्ता में आने के बाद केजरीवाल ने प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव और आनंद कुमार को पार्टी से निकालकर यह साबित कर दिया कि पार्टी में विरोध करने वालों का स्थान नहीं है और पार्टी में किसी विचारधारा से जुड़े लोगों का कोई स्थान नहीं है। आप ने औरंगजेब रोड का नाम बदलने के भाजपा के फैसले का समर्थन किया और खुलेआम यमुना को प्रदूषित करने वाले व भाजपा के एजंडे पर काम करने वाले श्री श्री रविशंकर का भी साथ दिया।

माकन ने आगे कहा कि आप ने भाजपा का प्रचार करके अपना औद्योगिक साम्राज्य बढ़ाने वाले स्वामी रामदेव के साथ समझौता करके दिल्ली के 400 शिक्षकों को उनके पास योग प्रशिक्षण के लिए भेजा। इतना ही नहीं, पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर हमला करने के प्रधानमंत्री के फैसले का जिस तरह आप के नेता गुणगान कर रहे हैं, उसके बाद यह साबित करने के लिए किसी सबूत की जरूरत नहीं है कि आप भाजपा की ही ‘बी’ टीम है। उन्होंने कहा कि आप के नेता दिल्ली में ही नहीं पंजाब में भी कांग्रेस से परेशान हैं, लेकिन वे जानबूझकर कांग्रेस को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रहे हैं।माकन ने कहा कि सत्ता में आने के डेढ़ साल बाद भी अपनी चुनावी घोषणाओं के ज्यादातर मुद्दों पर चर्चा न करने से आप की असलियत सामने आ गई है। आप और भाजपा मिलकर यह माहौल बनाने में लगे हैं कि दिल्ली में कांग्रेस का वजूद ही नहीं है, जबकि असलियत में जनता दोनों ही दलों से ऊब चुकी है। कांग्रेस के कार्यकर्ता छलावा दिवस और भगौड़ा दिवस मनाकर केजरीवाल सरकार को ललकार चुके हैं और अब 854 करोड़ रुपए के विज्ञापनों की वसूली के लिए कांग्रेस बड़े पैमाने पर (854 हजार) हस्ताक्षर अभियान चला रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माकन ने कहा कि कांग्रेस का संगठन पहले से ही हर इलाके में है। इन डेढ़ सालों में उसे और सक्रिय किया गया है। उनके मुताबित्क, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के दिल्ली के बजाए उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय होने से दिल्ली कांग्रेस पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।