आम आदमी पार्टी ने केंद्रीय मंत्रियों सुषमा स्वराज, स्मृति ईरानी और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग करते हुए आज भाजपा के खिलाफ अपना प्रदर्शन तेज कर दिया तथा इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर सवाल उठाया है।
पार्टी के अग्रणी संगठनों ने यहां जंतर मंतर पर रैली के लिए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को सक्रिय किया। बाद में प्रदर्शनकारी संसद की ओर बढ़े लेकिन पुलिस ने उनहें संसद मार्ग पुलिस थाने के समीप रोक लिया।
आप के दिल्ली समन्वयक दिलीप पांडेय की अगुवाई में प्रदर्शनकारियों ने भाजपा की तीनों नेताओं सुषमा, स्मृति और वसुंधरा के साथ साथ महाराष्ट्र की मंत्री पंकजा मुंडे के खिलाफ भी नारे लगाए। पंकजा पर 200 करोड़ रुपये के घोटाले में कथित रूप से लिप्त होने का आरोप है।
प्रधानमंत्री मोदी पर बरसते हुए पांडेय ने कहा कि वह ‘चुप’ हैं क्योंकि राजे जैसी नेता ने 110 विधायकों की रैली के जरिये अपना शक्ति प्रदर्शन कर दिखाया है। उन्होंने कहा ‘‘मजबूरी के चलते मोदी जी चुप हैं। राजे ने जो शक्ति प्रदर्शन किया है उससे मोदी डरे हुए हैं।’’
पांडेय ने कहा कि मोदी की खामोशी भाजपा को महंगी पड़ेगी क्योंकि कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की चुप्पी की कीमत चुकाई है। उन्होंने कहा कि अगर मोदी उनका इस्तीफा सुनिश्चित नहीं करते तो देश की जनता सोचेगी कि उन्होंने अपने दायित्व का निर्वाह नहीं किया।
वसुंधरा राजे के बारे में पांडेय ने कहा कि उन्होंने ‘‘ललित मोदी जैसे भगोड़े की मदद करके राजद्रोह किया है।’’ उन्होंने कहा ‘‘स्वराज ने मोदी का साथ दिया। ऐसा लगता है कि संविधान के प्रावधानों को लेकर उनमें (राजे और सुषमा स्वराज) कोई सम्मान नहीं है। इसलिए उन्हें अपने पदों पर बने रहने का अधिकार नहीं है।’’
प्रदर्शनकारी ‘‘(नरेंद्र) मोदी – (ललित) मोदी भाई भाई’’ और ‘‘मोदी जी मुंह तो खोलो, भ्रष्टाचार पे कुछ तो बोलो’’ जैसे नारे लगा रहे थे। विधायकों सौरभ भारद्वाज तथा अलका लांबा सहित कई आप नेताओं ने प्रदर्शनों में हिस्सा लिया।
भारद्वाज ने कहा कि पार्टी अपनी मांगें उठाती रहेगी और जब तक आरोपी मंत्रियों को बर्खास्त नहीं कर दिया जाता, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। पार्टी नेताओं को कार्यकर्ताओं से बार बार यह कहते सुना गया कि पुलिस के साथ कोई टकराव न होने पाए। पुलिस ने चार प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया। एक प्रदर्शनकारी की तबियत खराब होने की वजह से उसे अस्पताल ले जाना पड़ा।
आप ने फर्जी डिग्री मामले में अपने नेता और दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर की गिरफ्तारी के बाद भाजपा और केंद्र के खिलाफ आक्रामक रवैया अपना लिया है। इसके बाद वह एक मामले में स्मृति ईरानी के इस्तीफे की भी मांग कर रही है जहां उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल तीन हलफनामों में कथित तौर पर अलग अलग जानकारियां दी हैं।
पिछले दो सप्ताह में पार्टी ने सुषमा स्वराज और स्मृति ईरानी के आवासों के बाहर भी प्रदर्शन किया। ललित मोदी विवाद पर भी पार्टी का आक्रामक रुख है और उसने इस संबंध में सुषमा स्वराज तथा राजे के खिलाफ हमले तेज करते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है।