नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के एक कर्मचारी से कथित मारपीट को लेकर गिरफ्तार किए गए दिल्ली छावनी के आप विधायक सुरिंदर सिंह को शनिवार को यहां की एक अदालत से जमानत मिल गई। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा की अदालत ने दो अन्य-सिंह के ड्राइवर पंकज और सहायक प्रवीण को भी 30 हजार रुपए के निजी बांड और उतनी ही राशि के मुचलके पर रिहा कर दिया। विधायक ने अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के तहत दर्ज इस मामले से निबटने के अदालत के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाया था और जमानत मांगी थी।
पुलिस ने मांग की थी कि सभी तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा जाए क्योंकि मामले के गवाहों को धमकी दी गई है और उनके खिलाफ आरोप बड़े गंभीर हैं। पुलिस ने आरोप लगाया था कि सिंह ने अपने रुतबे का दुरूपयोग किया और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के बेलदार मुकेश के साथ मारपीट की। उन्होंने उनके खिलाफ जातिसूचक टिप्पणियां भी कींं। सिंह के वकील रमेश गुप्ता ने अपने मुवक्किल के लिए जमानत की मांग करते हुए कहा था कि एनएसजी कमांडो होने के नाते सिंह ने 26/11 मुंबई हमले के दौरान राष्ट्र की सेवा की और वह उस वक्त गंभीर रूप से घायल भी हो गए थे।
उन्होंने इस मामले से निबटने के इस अदालत के क्षेत्राधिकार पर यह कहते हुए सवाल भी उठाया था कि उसके पास अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत इस मामले पर सुनवाई करने का अधिकार नहीं है। चार अगस्त को सिंह के खिलाफ तुगलक रोड इलाके में एनडीएमसी कर्मचारी से कथित मारपीट व दुर्व्यवहार करने को लेकर मामला दर्ज किया गया था। उस वक्त एनडीएमसी के अधिकारियों की एक टीम नियमित जांच कर रही थी और उसने एक ई-रिक्शा ड्राइवर को उसके दस्तावेजों की जांच के लिए पकड़ा था। सिंह ऐसे तीसरे आप विधायक हैं जिन्हें पिछले दो महीने में गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को जून में फर्जी शैक्षणिक डिग्री के मामले में पकड़ा गया था जबकि कोंडली के विधायक मनोज कुमार को जुलाई में गिरफ्तार किया गया था।