श्वेता दत्त
आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने पार्टी से जुड़ी निर्णय लेेने वाली सर्वोच्च संस्था पोलिटिकल अफेयर्स कमेटी (पीएसी) से सोमवार (एक मई) को इस्तीफा दे दिया। अमानतुल्लाह ने रविवार (30 अप्रैल) को पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का “एजेंट” कहा था। खान ने आरोप लगाया था कि विश्वास आप को तोड़ना चाहते हैं। विश्वास भी आप की पीएसी के सदस्य हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार शाम पार्टी नेताओं की बयानबाजी के संदर्भ में पीएसी की बैठक बुलाई थी लेकिन विश्वास उसमें नहीं पहुंचे। विश्वास की मांग थी कि अमानतुल्लाह खान को पार्टी से निकाला जाए। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह द्वारा मनाने की कोशिशों के बावजूद विश्वास पीएसी बैठक में नहीं पहुंचे। वहीं अमानतुल्लाह खान ने बैठक की शुरुआत में ही अपना इस्तीफा सौंप दिया और तत्काल बाहर चले गए।
अमानतुल्लाह खान ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “मैंने जो कहा है उस पर कायम हूं। इस आदमी (विश्वास) ने अपने जन्मदिन पर अजित डोभाल और आरएसएस कार्यकर्ताओं को बुलाया था। आखिर उन्हें आप के विधायकों और कार्यकर्ताओं का ख्याल क्यों नहीं आया…वो भी ऐसे वक्त में जब बीजेपी के निर्देश पर पुलिस ने हमारे खिलाफ अभियान चलाया हुआ है। अब वो पार्टी के व्यापक हित की बात कर रहे हैं। मैं अभी भी कहता हूं कि वो बीजेपी के एजेंट हैं और पार्टी तोड़ना चाहते हैं।”
खान ने कहा, “अगर पीएसी का सदस्य होने का मतलब है कि कोई खुलकर बोल नहीं सकता और विश्वास और कुछ विधायक सोचते हैं कि मुझे हट जाना चाहिए तो मुझे इसमें कोई दिक्कत नहीं है। मैंने पीएसी से इस्तीफा दे दिया है।…ऐसा नहीं है कि अरविंदजी मुझसे नाखुश हैं लेकिन मैंने सच के साथ खड़े होने का फैसला किया।”
सूत्रों के अनुसार आप की पीएसी बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता दो धड़ों में बंट रहे। कुछ नेता खान से सहमत थे और मीडिया में केजरीवाल को चापलूसों से घिरा बताने के विश्वास के बयान पर खुलकर उनकी आलोचना की। वहीं पार्टी के कुछ नेता विश्वास के साथ थे और खान को पार्टी से बाहर किए जाने की मांग कर रहे थे।
बैठक के बाद सिसोदिया ने कहा, “विश्वास के मुद्दे पर खान ने इस्तीफा दिया जिसे पार्टी ने स्वीकार कर लिया है। लेकिन विश्वास भी बैठक में नहीं आए और मीडिया को अभी भी बयान दे रहे हैं, जिसके प्रति पार्टी में नाराजगी है। अरविंदजी इन बातों से दुखी हैं।” वहीं आप नेता अलका लांबा ने कुमार विश्वास का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने कभी पार्टी में सत्ता पलट की कोशिश नहीं की। लांबा ने कहा कि पार्टी के तीन ही प्रमुख चेहरे हैं, “केजरीवाल, सिसोदिया और विश्वास….पार्टी में एक धड़ा विश्वास के लिए बड़ी भूमिका की मांग कर रहा है, मसलन सह-संयोजन की भूमिका। किसी ने केजरीवाल से हटने के लिए नहीं कहा। बीजेपी आप को तोड़ने का सपना देखती रही है लेकिन ये कभी पूरा नहीं होगा।”

