50 साल पूरे करने के बाद, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ‘अनेकता में एकता’ थीम के आसपास साल भर के समारोहों की मेजबानी करके अपनी स्वर्ण जयंती मनाएगा। इसमें अन्य इवेंट्स  के अलावा “प्राचीन लिपियों पर वैदिक कार्यशाला” और “भारतीय परंपराओं और संस्कृति” पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाना शामिल है। यूनिवर्सिटी ने अपनी वेबसाइट पर कहा, 2019 में स्वर्ण जयंती वर्ष मनाने के लिए, JNU पूरे साल “अनेकता में एकता” पर समारोह आयोजित करने की योजना बना रहा है, जिसका उद्देश्य आउटरीच कार्यक्रमों, अकादमिक व्याख्यान और प्रदर्शनी, सांस्कृतिक समारोह और प्रदर्शनियों, खेल गतिविधियों के माध्यम से हमारी उपलब्धियों को प्रदर्शित करना है, साथ ही इवेंट से हमारे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को उजागर करना है।

साल भर चलने वाले समारोह की शुरुआत जनवरी में युवा दिवस के साथ होगी, इसके बाद फरवरी में रवींद्रनाथ टैगोर की प्रदर्शनी, मार्च में जैज संगीत उत्सव, अप्रैल में रामलीला की प्रदर्शनी, अगस्त में ओडिसी नृत्य और रंगमंच निर्माण पर एक कार्यशाला होगी। सोमवार (7 जनवरी) को पत्रकारों के साथ एक प्रेस वार्ता में, रेक्टर सेकंड सतीश चंद्र गड़कोटी ने कहा कि विश्वविद्यालय नोबेल पुरस्कार विजेताओं को आमंत्रित करने की भी योजना बना रहा है। उन्होंने कहा, “यह योजना उन नोबेल पुरस्कार विजेताओं को आमंत्रित करने के लिए भी है जो उत्सव के भाग के रूप में व्याख्यान देने के लिए भारत आ रहे हैं।” रेक्टर I चिंतामणि महापात्रा ने कहा कि समारोहों के विवरण के लिए एक पैनल का गठन किया गया है।

इस शिक्षण संस्थान की स्थापना 22 अप्रैल 1969 को हुई थी। इस साल स्वर्ण जंयती वर्ष होने के अंवसर पर संस्थान की तरफ से परिसर में साल भर जश्न का माहौल रहेगा। आपको बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने सितंबर 2018 में छात्रसंघ चुनाव जीतने वाले प्रतिनिधियों को अभी तक अधिसूचित नहीं किया है। प्रशासन का कहना है कि वे जब तक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सहित चुनाव का ब्योरा नहीं दे देंगे तब तक छात्रसंघ एवं उनके पदाधिकारियों को अधिसूचित नहीं किया जाएगा, लेकिन उन्हें अकादमिक परिषद (एसी) में शामिल करने पर विचार करेंगे।