नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली छह दिन की भारत यात्रा पर शुक्रवार को यहां पहुंचे। अपनी इस यात्रा के दौरान वह भारतीय नेतृत्व के साथ विस्तृत बातचीत करेंगे। इसमें नेपाल के नए संविधान से जुड़े मुद्दों के कारण प्रभावित हुए दोनों देशों के संबंधों को सुधारने पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जाएगा। इस दौरान कई समझौते होने की भी उम्मीद है। प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद कोली की यह पहली विदेश यात्रा है।
विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने हवाईअड्डे पर ओली की अगवानी की। इससे कोली के इस दौरे को दिए जा रहे महत्व का पता चलता है। ओली के साथ 77 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल भी आया है।
ओली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को कई मुद्दों पर विस्तृत बातचीत करेंगे। इसके बाद दोनों पक्षों के कई महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने से जुड़े समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। ऐसी संभावना है कि भारत नेपाल से मधेसी समुदाय की चिंताओं पर ध्यान देते हुए संविधान को ज्यादा समावेशी बनाने का ‘अपूर्ण काम’ पूरा करने के लिए कहेगा।
मधेसी समुदाय के भारतीयों के साथ करीबी पारिवारिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। नेपाल के संविधान के विरोध में मधेसियों के आंदोलन की वजह से दोनों देशों के संबंध प्रभावित हुए थे। मधेसियों का कहना है कि संविधान उनके प्रतिनिधित्व और उनके गृह क्षेत्र से जुड़ी उनकी चिंताओं पर ध्यान देने में नाकाम रहा है। आंदोलनकारियों ने भारत से लगे नेपाल के व्यापार बिंदुओं की करीब चार महीने तक नाकेबंदी की। इससे भारत से पड़ोसी देश में पेट्रोलियम उत्पादों, दवाओं और दूसरी वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हुई। नाकेबंदी इसी महीने खत्म हुई है।