बिहार में किसकी सरकार बनेगी, इसे लेकर तमाम राजनीतिक विश्लेषकों के अपने-अपने दावे हैं। चुनाव का ऐलान होने से पहले महागठबंधन की ओर से SIR को लेकर यात्रा निकाली गई थी।

नीतीश कुमार ने महिलाओं और युवाओं से लेकर समाज के तमाम वर्गों के लिए योजनाओं का ऐलान किया और जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी अपनी बातों को लोगों के सामने रखा है। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालने से काफी अहम जानकारी सामने आती है।

इस खबर को पहले पांच आसान बिंदुओं में समझिए।  

1- लोकसभा चुनाव में 174 सीटों पर एनडीए ने बनाई थी बढ़त, पीछे रह गया था महागठबंधन। 

2- 2024 लोकसभा चुनाव में बिहार में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन का रहा था जलवा, 30 सीटों पर जीता था NDA।

3- 2024 में बिहार में एनडीए का वोट शेयर था 48%, महागठबंधन को मिले थे 40% वोट। 

4- लोकसभा में NDA को मिली थी बड़ी जीत, क्या इससे विधानसभा में तेजस्वी और विपक्ष के सामने चुनौती बढ़ेगी?

5- लोकसभा के आंकड़ों के आधार पर बिहार में एनडीए बनाएगा सरकार या फिर महागठबंधन मारेगा बाजी?

अब खबर विस्तार से पढ़िए।

बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं जिसमें से 30 सीटों पर एनडीए को जीत मिली थी जबकि गठबंधन को 9 सीटों पर और एक सीट पर निर्दलीय पप्पू यादव चुनाव जीते थे। इससे पता चलता है कि लोकसभा चुनाव में महागठबंधन पर एनडीए भारी पड़ा था।

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2024 में कौन कितनी सीटों पर जीता था?

2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू दोनों को 12-12 सीटों पर जीत मिली थी। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 5, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) एक सीट पर जीते थे। महागठबंधन की ओर से आरजेडी चार सीटों पर जीती थी, कांग्रेस तीन और सीपीआई एमएल (लिबरेशन) को दो सीट पर जीत मिली थी।

बिहार में विधानसभा की 243 सीटें हैं और लोकसभा चुनाव के नतीजों को विधानसभा सीटों के आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो एनडीए में शामिल राजनीतिक दल 174 सीटों पर आगे रहे थे जबकि महागठबंधन को सिर्फ 62 सीटों पर बढ़त मिली थी।

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सिर्फ तीन दल आगे रहे 169 विधानसभा सीटों पर

जेडीयू 72 और बीजेपी 68 विधानसभा सीटों पर आगे रही थी। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 29 विधानसभा सीटों पर आगे रही थी। इस तरह बिहार की 169 विधानसभा सीटों में सिर्फ यह तीन दल ही आगे रहे थे और यह आंकड़ा बिहार में सरकार बनाने के लिए जरूरी 122 सीटों के आंकड़े से कहीं ज्यादा है।

एनडीए को विधानसभा चुनाव में कुल मिलाकर 48.21% वोट मिले थे और 174 सीटें मिली थी।

36 सीटों पर आगे रही थी आरजेडी

अब बात करते हैं कि महागठबंधन में शामिल राजनीतिक दलों का प्रदर्शन कैसा रहा था? महागठबंधन में मुख्य रूप से आरजेडी 36 विधानसभा सीटों पर आगे रही। इसके अलावा कांग्रेस और सीपीआई (एमएल) लिबरेशन दोनों ही 12-12 विधानसभा सीटों पर आगे रहे थे।

सीपीआई, सीपीआई(एम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को मिलाकर महागठबंधन 40.08% वोट शेयर के साथ 62 सीटों पर आगे रहा था।

एनडीए की 174 और महागठबंधन की 62 सीटों के बाद बाकी बची सात विधानसभा सीटों में से पांच पर निर्दलीय उम्मीदवार आगे थे और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम दो पर आगे थी।

243 में से 71 विधानसभा सीटें ऐसी थी, जहां पर हार-जीत का अंतर 10 हजार वोटों से भी कम था और 40 विधानसभा सीटों में तो यह 5 हजार वोट से भी कम रह गया था।

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