पुलवामा हमले के बाद पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के एक बयान के बाद उनकी आलोचना हुई थी। इस बीच उन्होंने एक और बयान देते हुए कहा कि देश पहले आता है और दोस्ती बाद में लेकिन कुछ कायरों की करतूत की वजह से पूरे पाकिस्तान को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते है। सिद्धू ने अपने पूर्व के बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर कर पेश किया गया। उन्होंने कहा कि मैं अब भी अपने बयान पर कायम हूं कि आतंकवाद का कोई धर्म, मजहब, जाति और देश नहीं होता है।

बता दें कि गुरुवार को पुलवामा में पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हमले के दौरान 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने बयान देते हुए कहा था, ‘आतंकवादियों का कोई देश नहीं होता है कोई मजहब नहीं होता है कोई धर्म नहीं होता है कोई जात नहीं होती है।’ इस बयान के बाद सिद्धू की काफी आलोचना हुई थी। इसके बाद उन्होंने एक बार फिर से कहा, ‘मेरे लिए दोस्ती से पहले देश है लेकिन मैं कल के दिए बयान पर अभी भी कायम हूं। हम कुछ कायरों की इस हरकत के लिए पूरे पाकिस्तान को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि इस कायराना हमले के चलते करतारपुर कॉरिडोर का मसला नहीं प्रभावित होना चाहिए।

सिद्धू ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान के सेना प्रमुख बाजवा या पीएम इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में जाने का कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी भी पाकिस्तान गए और फिर कारगिल युद्ध हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो बिना निमंत्रण के ही भी वहां गए थे। इसलिए मुझे वहां जाने का कोई पछतावा नहीं है। हमारे जवानों को मारे जाने से रोकने का एकमात्र तरीका अंतरराष्ट्रीय दबाव है जो कि कल से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस घटना में शामिल लोगों को कठोर दंड मिलना चाहिए।