जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) चीफ फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने शनिवार (19 दिसंबर, 2020) को उनकी करीब 12 करोड़ रुपए की संपत्ति सीज कर दी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नेशनल कॉन्फेंस चीफ की 11.86 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्तियां कुर्क की हैं। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत एक अस्थाई अनुलग्नक आदेश जारी किया है और कुर्क की गई संपत्तियां जम्मू और श्रीनगर में स्थित हैं।
उन्होंने बताया कि दो अचल संपत्तियां आवासीय हैं, एक व्यावसायिक संपत्ति है, जबकि तीन अन्य भूखंड भी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कुर्क किए गए हैं। उन्होंने बताया कि कुर्क की गई संपत्तियों का शुद्ध मूल्य (बुक वैल्यू) 11.86 करोड़ रुपए है जबकि बाजार मूल्य लगभग 60-70 करोड़ रुपए है। ईडी अब्दुल्ला (83) से इस मामले में कई बार पूछताछ कर चुकी है। इधर ईडी की इस कार्रवाई पर फारुख अब्दल्ला के बेटे और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने पिता की संपत्तियों की अस्थाई कुर्की के आदेश को ‘निराधार’ करार दिया और आश्चर्य जताया कि पैतृक संपत्ति को अपराध से हासिल संपत्ति के रूप में कैसे देखा जा सकता है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने इस संबंध में कई ट्वीट किए, जिनमें उन्होंने कहा, ‘उनके पिता फारूक अब्दुल्ला इसको लेकर अपने वकीलों के संपर्क में हैं और इन सभी निराधार आरोपों से अदालत में लड़ेंगे।’ उन्होंने कहा कि सभी को लगता है कि वह निर्दोष हैं और मीडिया की अदालत या भाजपा के प्रबंधित सोशल मीडिया की अदालत के विपरीत वह निष्पक्ष जांच के हकदार हैं।
उमर ने आश्चर्य व्यक्त किया कि कुर्क की जाने वाली संपत्तियों में से अधिकतर 1970 के दशक के हैं, जिनमें सबसे हालिया निर्मित एक इमारत 2003 से पहले की है। उन्होंने कहा, कुर्की को सही नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि उनके पिता को मीडिया के माध्यम से जेकेसीए मामले में चल रही जांच में उनकी संपत्तियों की कुर्की के बारे में पता चला। उन्होंने कहा, ‘कितने आश्चर्य की बात है कि उनके पिता को कोई आधिकारिक नोटिस या दस्तावेज मिलने से पहले ही मीडिया को जब्ती के बारे में बता दिया गया।’ (एजेंसी इनपुट)