ओम प्रकाश ठाकुर

Himachal Pradesh Election 2022: हिमाचल प्रदेश के रामपुर (एससी) सीट पर पिछले 40 सालों से कांग्रेस का दबदबा रहा है। इस सीट से मौजूदा विधाक नंद लाल पिछले तीन बार से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच रहे हैं। इस बार उनका मुकाबला बीजेपी के 34 वर्षीय उम्मीदवार कौल सिंह नेगी से होगा। नंद कुमार को पहले एक कमांडो थे और उन्हें कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी की सुरक्षा में तैनात किया गया था।
इसके पहले साल 2007 में नंद लाल ने अपना पहला चुनाव 7,470 वोटों से जीता था। उन्होंने 2012 में फिर से 9,471 वोटों से जीत हासिल की। इसके बाद बीजेपी ने साल 2017 में नौकरशाह पीएस द्रैक को यहां से मैदान में उतारा, लेकिन वह फिर नंद लाल से 4,137 मतों से हार गए थे।

रामपुर 40 साल से कांग्रेस का गढ़ रहा है, क्योंकि यहां पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह का आवास पदम पैलेस है। बुशहर की तत्कालीन रियासत के उत्तराधिकारी के प्रभाव के कारण ही कांग्रेस 1982 के बाद से इस सीट से नहीं हारी है। कहा जाता था कि इस सीट को जीतने के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के लिए केवल एक दिन की जरूरत थी “राजा साहब” के प्रचार का। इससे पहले पूर्व मंत्री सिंघी राम 1982 से 2007 तक छह बार जीते थे। माना जाता है कि नंद लाल को कांग्रेस आलाकमान ने इस सीट पर पहुंचाया था। उन्होंने जल्द ही वीरभद्र का पक्ष जीत लिया।

वीरभद्र के बिना नंदलाल का पहला चुनाव

हिमाचल की रामपुर सीट पर यह पहला चुनाव होगा जब नंद लाल वीरभद्र सिंह की छत्रछाया के बिना चुनाव लड़ेंगे। पिछले साल वीरभद्र सिंह का निधन हो गया था। इस बार चुनाव प्रचार में न तो वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह और न ही उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह उनके समर्थन में रैली करने आए हैं। स्थानीय कांग्रेस इकाई ने 4 नवंबर को विक्रमादित्य द्वारा ज्योरी और नानखरी में दो बड़ी रैलियों की योजना बनाई थी, लेकिन इन्हें छोटा करना पड़ा।

कांग्रेस के बागी सिंघी राम बन सकते हैं रोड़ा

एक अन्य कारक जो नंद लाल के खिलाफ जा सकता है, वह हैं कांग्रेस के बागी और पूर्व विधायक सिंघी राम और बृज लाल जो भाजपा के नेगी के लिए प्रचार कर रहे हैं। नंद लाल ने कहा कि वीरभद्र सिंह की कमी को पूरा करना मुश्किल है, लेकिन वह आशान्वित हैं क्योंकि अन्य लोग उनके लिए प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने आशावादी रूप से कहा,”हम इस सीट को फिर से जीतने जा रहे हैं।”