2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के समर्थन के लिए कर्नाटक में बनाए गए संगठन नमो बिग्रेड के पूर्व सयोजक को 21 मार्च को हुए आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या में मुख्य आरोपी माना जा रहा है। 51 वर्षीय विनायक पांडुरंगा बालिगा की उनके घर से करीब 75 मीटर की दूरी पर कत्ल कर दिया गया था।
नमो बिग्रेड के पूर्व सयोजक 39 वर्षीय नरेश शिनॉय को पुलिस इस मामले में खोज रही है। नरेश शिनॉय के संघ से भी करीबी रिश्ते बताए जा रहे हैं। नरेश पिछले हफ्ते से फरार है और उसका फोन भी स्विच ऑफ बताया जा रहा है।
आरटीआई कार्यकर्ता बालिगा भी भाजपा से जुड़े हुए थे और वेंकटरामा मंदिर के प्रंबधन में हुए भ्रष्टाचार को लेकर काम कर रहे थे। अपनी आरटीआई से उन्होंने यह बात सार्वजनिक की थी कि मंदिर के फंड से 9 करोड़ रुपए की हेराफेरी हुई है। बालिगा अब तक अलग-अलग विषय पर 92 आईटीआई लगा चुके थे। पुलिस का कहना है कि आरोपी नरेश शिनॉय इस मंदिर के प्रशासन से जुड़े हुए थे।