UP News: भारत में अवैध तरीके से रह रहे नागरिकों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि अवैध विदेशी नागरिकों की पहचान के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत यूपी के बरेली में एक पाकिस्तानी महिला के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। महिला ने दावा किया है कि वह छह दशक से भी ज्यादा वक्त से भारत में ही रह रही है।

अधिकारियों ने बताया कि महिला के पास आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और राशन कार्ड जैसे डॉक्यूमेंट्स मिले हैं, जबकि उसके पास भारतीय नागरिकता नहीं थी। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को बारादरी के सूफी टोला इलाके में ‘ऑपरेशन खोज’ के तहत वैरिफिकेशन कैंपेन के दौरान बरेली पुलिस को महिला मिली। इसकी पहचान फरहत सुल्ताना उर्फ ​​फरीदा के तौर पर हुई है। एसपी (सिटी) मानुष पारीक के मुताबिक, एसएसपी के निर्देश पर शुरू किया गया यह अभियान क्षेत्र में अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी, रोहिंग्या और पाकिस्तानी नागरिकों का पता लगाने पर केंद्रित है।

भारत की ‘न्यू नार्मल’ नीति

बारादरी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया

अधिकारी ने बताया, ‘जांच में पता चला कि फरहत सुल्ताना का जन्म पाकिस्तान में हुआ था, लेकिन उसने भारतीय नागरिकता के किसी कानूनी सबूत के बिना ही महत्वपूर्ण भारतीय पहचान दस्तावेज हासिल कर लिए थे। बारादरी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।’ हालांकि, सुल्ताना ने बार-बार जोर देकर एक ही बात कही कि वह भारतीय है।

मुझे पाकिस्तानी मत कहो – सुल्ताना

एक अधिकारी के मुताबिक, पूछताछ के दौरान उसने पुलिस से कहा, ‘मुझे पाकिस्तानी मत कहो। मैं भारतीय हूं। हालांकि मेरा जन्म 1961 में पाकिस्तान में हुआ था, लेकिन मैं आठ महीने की उम्र में ही बरेली आ गई थी। मैंने कभी पाकिस्तान नहीं देखा।’ उसने कहा, ‘मेरी आंखें भारत में खुलीं। मैं यहीं पली-बढ़ी हूं। मेरा पूरा जीवन इसी देश में बीता है।’ सुल्ताना ने दावा किया कि वह पिछले 64 सालों से बरेली में रह रही हैं और उन्होंने आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करके स्थानीय फायदा उठाया है। पुलिस ने कहा कि वैध नागरिकता स्थिति के बिना भारतीय पहचान दस्तावेज रखना कानूनी अपराध है। अधिकारियों ने कहा कि तथ्यों की सही जांच के लिए आगे की कार्रवाई की जा रही है। पाकिस्तान को UNSC की समितियों में मिली महत्वपूर्ण भूमिका