जनता दर्शन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद शहर की पुर्दिलपुर की रहने वाली पंखुड़ी त्रिपाठी का सोमवार को स्कूल में एडमिशन हो गया। चार महीने के बाद पंखुड़ी पिता राजीव त्रिपाठी के साथ स्कूल पहुंची। उन्होंने कहा कि मेरी बच्ची आर्थिक तंगी की वजह से स्कूल नहीं जा पा रही थी। योगी आदित्यनाथ की मेहरबानी की वजह से ही मेरी बच्ची स्कूल जा सकी है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में पंखुड़ी के पिता राजीव त्रिपाठी ने कहा, ‘हम मुख्यमंत्री योगी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं। हम बहुत ही ज्यादा खुश हैं। उसने छठी क्लास पास की थी और अब उसका एडमिशन 7वीं क्लास में हुआ है। जब हम स्कूल में गए थे तो प्रिसिंपल साहब थे और कुछ शिक्षा विभाग के अधिकारी लोग भी थे। उन्होंने कहा कि आपकी बच्ची का एडमिशन हो गया है। आप घर पर जाइए और बच्ची क्लास अटेंड करेगी। इसकी कॉपी-किताब की व्यवस्था मैं एक दो दिन में करूंगा। आज से वो क्लास अटेंड कर रही है।
एडमिशन मिलने के बाद पंखुड़ी बहुत खुश
सातवीं क्लास में एडमिशन मिलने के बाद पंखुड़ी त्रिपाठी बहुत खुश है। उसने एएनआई से बातचीत में कहा, ‘मैं योगी आदित्यनाथ जी के पास में गई थी तो उन्होंने मेरा अनुरोध पत्र लिया और मैंने उन्हें अपनी पूरी समस्या बताई कि मेरे पिता जी के पैर में चोट लगी हुई है और मम्मी भैया को पढ़ाती हैं और मुझे पढ़ने के लिए आपकी मदद चाहिए। तो सीएम ने कहा कि तु्म्हारी फीस माफ होगी और जल्द से जल्द फीस माफी की व्यवस्था करवाई जाए।’
CM योगी ने पूरी कर दी पंखुड़ी की ‘ख्वाहिश’
सीएम योगी के साथ सेल्फी लेकर बहुत अच्छा लगा – पंखुडी त्रिपाठी
पंखुडी त्रिपाठी ने आगे कहा, ‘मुझे योगी जी के साथ में सेल्फी लेकर बहुत अच्छा लगा था। अब तो मेरा एडमिशन हो गया और पढ़ाई भी काफी अच्छी चल रही है। मैंने सातवीं क्लास में एडमिशन लिया है। मैं मुख्यमंत्री, मेरे प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और सभी अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहती हूं। मैं अभी सारे टीचर्स से आशीर्वाद लेने जाऊंगी।’
जनता दर्शन में सीएम योगी से मांगी मदद
बता दें कि पंखुड़ी त्रिपाठी नाम की लड़की ने 1 जुलाई को गोरखपुर में जनता दर्शन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी और आर्थिक मदद की अपील करते हुए कहा था कि उसके पिता राजीव कुमार त्रिपाठी ने एक दुर्घटना में पैर में गंभीर चोट लगने के बाद अपनी नौकरी छोड़ दी थी। उसने आदित्यनाथ से कहा, ‘मैं पढ़ना चाहती हूं, लेकिन मेरा परिवार स्कूल की फीस देने में असमर्थ है।’ इसके बाद मुख्यमंत्री ने लड़की को आश्वासन दिया कि उसकी शिक्षा में कोई बाधा नहीं आएगी। उन्होंने वादा किया, “या तो आपकी फीस माफ कर दी जाएगी या हम राशि का प्रबंध कर देंगे।’