यूपी के मुजफ्फरनगर सीट पर हो रहे विधानसभा उपचुनाव में प्रचार के लिए बीजेपी अपने हिंदूवादी छवि वाले नेताओं का इस्तेमाल कर रही है। इनमें केंद्रीय मंत्री संजीव बालयान, एमपी हुकुम सिंह, एमएलए सुरेश राणा और संगीत सोम आदि शामिल हैं। बता दें कि हुकुम सिंह, राणा और सोम का नाम 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगों में आ चुका है।
मुजफ्फरनगर सीट पर बीजेपी के कैंडिडेट कपिल देव के लिए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी एक जनसभा को संबोधित कर सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के प्रत्याशी सलमान सईद से मुकाबले में बीजेपी ने अपने नेताओं को उतारा है। सलमान का नाम भी दंगे भड़कने से पहले आयोजित एक महापंचायत में भड़काऊ भाषण देने के मामले में आ चुका है। बता दें कि यूपी में तीन सीट मुजफ्फरनगर, देवबंद और फैजाबाद के बीकापुर पर 13 फरवरी को उप चुनाव होने हैं। हालांकि, बीजेपी सबसे ज्यादा ध्यान मुजफ्फरनगर सीट पर दे रही है।
स्थानीय एमपी और कृषि राज्य मंत्री संजीव बालयान क्षेत्र का नियमित दौरा कर रहे हैं। कैराना से सांसद हुकुम सिंह भी पार्टी प्रत्याशी के लिए लगातार चुनाव प्रचार करने में लगे हुए हैं। शामली के थाना भवन क्षेत्र से विधायक सुरेश रैना और मेरठ के सरधना से विधायक एमएलए संगीत सोम पांच फरवरी से चुनाव प्रचार का आगाज करेंगे। मुजफ्फरनगर जिले के बीजेपी अध्यक्ष सत्यपाल ने बताया कि लोग सुरेश राणा और संगीत सोम को सुनना चाहते हैं क्योंकि उनकी छवि बेहद आक्रामक है। हालांकि, सत्यपाल ने यह भी दावा किया कि इन नेताओं को प्रचार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, वोटों के ध्रुवीकरण के लिए नहीं। सत्यपाल ने कहा, ”पार्टी विकास और कानून व्यवस्था लागू करने में नाकाम रही समाजवादी सरकार के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है।” सुरेश राणा का कहना है कि वे समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा एक खास समुदाय के तुष्टिकरण का मामला उठाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया, ”एक खास समुदाय यहां दूसरे पर वर्चस्व कायम करना चाहता है। सिर्फ उसी वर्ग को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।”