मध्‍य प्रदेश के उज्‍जैन जिले के एक मुस्‍ल‍िम कांग्रेसी लीडर के खिलाफ एक वॉट्सऐप पोस्‍ट के लिए बुधवार को मामला दर्ज किया गया है। पोस्‍ट में आरोप लगाया गया था कि आरएसएस चीफ मोहन भागवत उन भारतीयों में शामिल हैं, जिन्‍होंने स्‍व‍िस बैंक में खाला धन छिपा रखा है।

महिदपुर नगरपालिका के अध्‍यक्ष कयूम नागोरी के खिलाफ पुलिस ने आईटी एक्‍ट के सेक्‍शन 66ए और आईपीएसी के सेक्‍शन 294 और सेक्‍शन 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इससे पहले, आरएसएस और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने देर रात तक थाने पर धरना दिया और कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने बीजेपी नेता विजय चौधरी की लिखित शिकायत पर एफआईआर दर्ज की थी। महिदपुर पुलिस स्‍टेशन के इन्‍चार्ज श्‍यामचंद्र शर्मा ने द इंडियन एक्‍सप्रेस से बताया कि कयूम को जल्‍द ही कस्‍टडी में लिया जाएगा। शर्मा ने दावा किया कि पुलिस कयूम को फिलहाल ढूंढ नहीं सकी है। जब आईटी एक्‍ट के सेक्‍शन 66 ए पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि आईपीसी की अन्‍य धाराओं के साथ इस सेक्‍शन का इस्‍तेमाल किया जा सकता है।

कयूम का कहना है कि उन्‍होंने बिना पढ़े एक वॉट्सऐप ग्रुप की पोस्‍ट दूसरे ग्रुप में डाली थी। कयूम के मुताबिक, इंदौर स्‍थ‍ित ट्रांसपोर्टरों के एक ग्रुप ने यह पोस्‍ट उन्‍हें फॉरवर्ड की और उन्‍होंने इसे लोकल ग्रुप में शेयर कर दिया। इसके बाद यह मामला आरएसएस के पास पहुंच गया। उन्‍होंने माना कि उनसे गलती हुई है। हालांकि, कयूम ने यह भी पूछा, ”मेरी अभिव्‍यक्‍त‍ि की स्‍वतंत्रता का क्‍या?” बता दें कि नवंबर 2014 में पूर्व कांग्रेसी सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने आरोप लगाया था कि नागोरी प्रतिबंधित संगठन सिमी से हमदर्दी रखते हैं और वे पूर्व सिमी चीफ सफदर नागोरी के रिश्‍तेदार हैं। गुड्डू ने उस वक्‍त इस्‍तीफा दे दिया जब कांग्रेस पार्टी ने कयूम को नगर पालिका परिषद के चुनाव के लिए मैदान में उतारा। कयूम ने यह चुनाव महज 72 वोटों से जीता था। कयूम ने सिमी से रिश्‍तों को भी खारिज किया।