Mumbra Cops Clean Chit: मुंब्रा के 10 पुलिस कर्मियों बहाल कर दिया गया है। पिछले साल इन 10 पुलिस कर्मियों पर एक जबरन वसूली का आरोप लगाया गया था, जिसके बाद सभी 10 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। ठाणे पुलिस ने जबरन वसूली के आरोपों की जांच के बाद ‘करेंसी फॉर चिल्ड्रेन’ का हवाला दिया, जो एक खिलौना विक्रेता के घर से मिली थी।
पुलिस पर पिछले साल अप्रैल में एक स्थानीय खिलौना व्यापारी फैसल मेमन के मुंब्रा स्थित घर पर तलाशी लेने के बाद उससे 6 करोड़ रुपये वसूलने का आरोप लगाया गया था। पुलिस को खिलौना व्यापारी के घर पर 30 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी के बारे में एक गुप्त सूचना मिली थी। इनपुट के बाद एक टीम उसके आवास पर छापेमारी करने गई थी।
शेख इब्राहिम पाशा ने लगाया था आरोप
इस मामले को लेकर स्थानीय शेख इब्राहिम पाशा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और ठाणे पुलिस आयुक्त को एक पत्र लिखा था। पाशा ने तलाशी के बाद मामले को दबाने के लिए 6 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया था। इसके बाद डीसीपी अविनाश अंबुरे को मामले की जांच करने के लिए कहा गया था। साथ ही सभी 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।
एक अधिकारी ने कहा, ‘पूछताछ के तहत हमने खिलौना कारोबारी का बयान दर्ज किया। अपने बयान में मेमन ने कहा कि उनके आवास पर कभी भी 30 करोड़ रुपये नहीं थे। उन्होंने कहा कि उनके घर पर रखी ‘करेंसी’ वास्तव में ‘चिल्ड्रन्स बैंक ऑफ इंडिया’ के लिए थी और कोई पैसा नहीं था। इसलिए जांच में यह निष्कर्ष निकला कि पुलिस के खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे और निराधार हैं और जबरन वसूली का कोई आरोप नहीं लगाया जा सकता।’
पिछले साल 14 अप्रैल को मुंब्रा पुलिस ने मेमन के आवास की तलाशी ली थी
पत्र के अनुसार, 14 अप्रैल को मुंब्रा पुलिस स्टेशन के कुछ पुलिसकर्मी मेमन के आवास पर आए और तलाशी ली। पत्र में दावा किया गया है, “उन्होंने 30 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की, जो मेमन की मेहनत की कमाई थी। पुलिस की टीम कथित तौर पर 30 बक्सों को मुंब्रा पुलिस स्टेशन ले गई, जिसमें 30 करोड़ रुपये नकद थे, और मेमन पर काले धन की जमाखोरी का आरोप लगाया गया था। दावा किया गया था कि कथित बातचीत के बाद मेमन 2 करोड़ रुपये देने के लिए तैयार हो गया, लेकिन पुलिसकर्मियों ने 6 करोड़ रुपये की मांग की।
पत्र में कहा गया, ‘जब मेमन से बाकी पैसे के बारे में पूछा तो आरोपी ने धमकी दी, उसके साथ मारपीट की गई। पत्र में पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है। पत्र मिलने के तुरंत बाद ठाणे पुलिस आयुक्त ने इंस्पेक्टर गीताराम शेवाले, सब-इंस्पेक्टर रवि मदाने और हर्षल काले के साथ-साथ कांस्टेबल पंकज गाइकर, जगदीश गावित, दिलीप किरपान, प्रवीण कुंभार, अंकुश वैद्य, ललित महाजन समेत 10 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था।