महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई देश की आर्थिक राजधानी कहलाती है। यहां पर कई देशों के वाणिज्य दूतावास भी हैं। इस बीच एक विदेशी मुल्क के दूतावास की सुरक्षा को लेकर मुंबई पुलिस के चार जवानों की लापरवाही सामने आई। हालांकि चारों जवानों को सस्पेंड कर दिया गया है। मुंबई पुलिस ने पिछले हफ्ते साउथ मुंबई में एक विदेशी देश के वाणिज्य दूतावास कार्यालय को बिना सुरक्षा के लगभग 30 मिनट तक छोड़ने और गार्ड रूम की चाबी (जहां हथियार रखे गए थे) को लावारिस छोड़ने पर ‘अनुशासनहीनता और लापरवाही’ के लिए चार पुलिस कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया।

4 पुलिसकर्मी सस्पेंड

पुलिस सूत्रों के अनुसार नैगांव लोकल आर्म्स (LA) डिवीजन से जुड़े कांस्टेबल प्रसाद बनकर, विट्ठल शेलके, शुभम हराचकर और बालाजी वासवे को 17 जून को एलए नैगांव के डिप्टी पुलिस कमिश्नर ने निलंबित कर दिया था। सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि प्रसाद बनकर और शेलके वाणिज्य दूतावास में रात की शिफ्ट में गार्ड की ड्यूटी पर तैनात थे।

इसी दौरान 17 जून की सुबह एक सुरक्षा अधिकारी ने अचानक दौरा किया और दोनों को गायब पाया। इसी तरह कांस्टेबल हराचकर और वासवे (दिन की शिफ्ट से) ड्यूटी पर देरी से पहुंचे थे।

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30 मिनट तक नहीं था कोई गार्ड

सूत्र ने कहा कि महत्वपूर्ण बिल्डिंग की सुरक्षा से समझौता किया गया था, क्योंकि लगभग 30 मिनट तक वहां कोई गार्ड नहीं था। सुबह करीब 8.15 बजे दिन की ड्यूटी पर एक कांस्टेबल नहीं पहुंचा। जब सुरक्षा अधिकारी ने कांस्टेबल से इस बारे में पूछा तो उसने लापरवाही के लिए नाइट ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया और दावा किया कि उनमें से एक रात में ड्यूटी छोड़कर चला गया और दूसरा भी जल्दी चला गया।

कांस्टेबल ने अधिकारी से बहस भी की, जिसके बाद उसने नायगांव में सशस्त्र पुलिस नियंत्रण कक्ष और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। इस कृत्य को गंभीर लापरवाही और अनुशासनहीनता मानते हुए वरिष्ठ अधिकारी ने प्रारंभिक जांच की, जिसके बाद डीसीपी ने चार पुलिस कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया। एक अधिकारी ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से पूरे विभाग में यह कड़ा संदेश जाएगा कि मुंबई पुलिस जैसे अनुशासित फोर्स में इस तरह का नॉन प्रोफेशनल व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।