मुम्बई के एक सत्र न्यायलय ने एक रेप के आरोपी को जमानते देते हुए लिव-इन-रिलेशनशिप (Live in relationship) पर एक बड़ी टिप्पणी की है। व्यक्ति पर उसके लिव-इन पार्टनर ने बलात्कार का आरोप लगाया था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसयू बघेले ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप ही यह दिखाने के लिए पर्याप्त है कि यौन संबंध सहमति से थे। मामले की शिकायत कॉपी के माध्यम से जाने के बाद, न्यायाधीश ने कहा, “महिला द्वारा अपने स्वयं के हलफनामे में दी गई ‘अनापत्ति’ के बावजूद, प्राथमिकी में सामने आया तथ्यात्मक मैट्रिक्स से पता चलता है कि वास्तव में संबंध सहमति से था। महिला ने कहा कि वो आरोपी से शादी किए बिना भी लगातार उसके साथ रह रही थी।

विले पार्ले पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, आदमी ने महिला से शादी करने का वादा किया था, जिसके बाद वे एक साथ किराए के मकान में रहने लगे। वे नवंबर 2018 और मई 2020 तक लिव-इन पार्टनर (Live in relationship) के रूप में वहां रहे। महिला ने आरोप लगाया कि उनके रिश्ते के दौरान उन्हें दो बार गर्भपात कराना पड़ा। बाद में, आरोपी ने उससे शादी करने से इनकार कर दिया और रिश्ता खत्म कर दिया। उस आदमी ने कथित तौर पर उसे बताया कि उसने किसी और महिला से शादी कर ली है।

इसके बाद, महिला ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) और 313 (महिला की सहमति के बिना गर्भपात करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज करवाई।

जमानत पर सुनवाई के दौरान शख्स ने कोर्ट को बताया कि महिला ने हलफनामा दाखिल कर जमानत के लिए अनापत्ति दे दी है. अदालत ने पाया कि जांच के दौरान महिला ने अपना मेडिकल जांच से भी इनकार कर दिया था। पता चला कि दोनों ने अपने रिश्ते से पहले ही शादी कर ली थी।

दूसरी ओर, अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि पुरुष द्वारा शादी का वादा किए जाने के बाद से महिला साथ में रह रही थी। सरकारी वकील ने तर्क दिया कि महिला को गर्भपात कराना पड़ा और वह मनोवैज्ञानिक दबाव में थी। अभियोजक ने कहा कि एक मजिस्ट्रेट के समक्ष उसका बयान दर्ज किया जाना बाकी है। मामले के जांच अधिकारी ने कहा कि जांच पूरी होने से पहले जमानत पर व्यक्ति की रिहाई से मामले पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है।

इससे पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा था कि पत्नी के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध यौन संबंध को बलात्कार नहीं है। वकील वाय सी शर्मा ने गुरुवार को बताया कि जस्टिस एन के चंद्रवंशी की सिंगल बेंच ने कानूनी तौर पर विवाहित पत्नी के साथ बलपूर्वक अथवा उसकी इच्छा के विरुद्ध यौन संबंध या यौन क्रिया को बलात्कार नहीं माना है।