मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का किराया करीब 3000 रुपए होगा। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के एक अधिकारी ने गुरूवार (7 सितंबर) को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए 1,380 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। अब तक बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 622 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है।
दिसंबर 2023 की तय की गई समयसीमाः परियोजना को लागू करने वाले एनएचएसआरसीएल के प्रबंध निदेशक अचल खरे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस पूरी परियोजना के लिए हमें 1380 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है जिसमें निजी, सरकारी, वन और रेलवे भूमि (गुजरात एवं महाराष्ट्र में) शामिल है। हमने अभी तक 622 (45 प्रतिशत) हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर लिया है। हम दिसंबर 2023 की समयसीमा को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रहे हैं।’’
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पैकेज के लिए जारी किए गए टेंडरः उन्होंने बताया कि एनएचएसआरसीएल वह कंपनी है जो परियोजना को अंजाम दे रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह कार्य पूरा होने पर बुलेट ट्रेन सुबह छह बजे से देर रात 12 बजे तक 70 फेरे (हर तरफ से 35 फेरे) लगाएगी। टिकट का किराया करीब 3000 रुपए होगा।’’ खरे ने आगे कहा कि इस मार्ग पर चार बड़े निर्माण कार्य जिसमें वापी और वडोदरा के बीच में 237 किलोमीटर का रूट भी शामिल है के लिए पैकेज के लिए टेंडर जारी किए गए हैं और निर्माण कार्य मार्च 2020 में शुरु होने की उम्मीद है।
जमीन देने के खिलाफ नहीं किसानः मीडिया से बातचीत के दौरान खरे ने बताया,’ हमने परियोजना को 27 पैकेजों में बांटा है। हमने पहले ही चार बड़े सिविल वर्क पैकेजों के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं, जिसमें महाराष्ट्र में अंडरसी टनल भी शामिल है। हमें उम्मीद है कि अगले साल मार्च या अप्रैल तक काम शुरू हो जाएगा।’ उन्होंने बताया कि अनुमान के अनुसार पूरी परियोजना में 1.08 लाख करोड़ रुपए लागत आएगी और इस परियोजना को दिसंबर 2023 तक पूरा किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के मुद्दों के बारे में बात करते हुए एनएचएसआरसीएल अधिकारी ने कहा कि किसान अपनी जमीन देने के खिलाफ नहीं हैं। उन्होने कहा,’ हम 5300 निजी भूखंडों का अधिग्रहण करने वाले हैं, इसमें से 2600 भू खंडो का अधिग्रहण हम पहले ही कर चुके हैं। गुजरात के किसान इस परियोजना के खिलाफ नहीं हैं।
डिजाइन किए गए वाहनः खरे ने कहा कि एनएचएसआरसीएल ने पर्यावरण को बचाने के अपने प्रयासों के तहत मार्ग पर बड़े पेड़ों के परिवहन के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए वाहनों को तैनात किया है। उन्होंने कहा,’अब तक 4,000 बड़े पेड़ों को दूसरे स्थान पर प्रत्यारोपण के जरिए बचाया जा चुका है। साथ ही उन्होंने यह जानकारी भी दी कि अहमदाबाद से मुंबई के बीच 508 किलोमीटर के बीच बुलेट ट्रेन गलियारे में 12 स्टेशन होंगे।