गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की मौत 28 मार्च को हुई थी। इस बीच अब मुख्तार के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से मुख्तार की कब्र पर फातिहा पढ़ने की इजाजत मिली है। अब्बास 12 अप्रैल तक परिवार के साथ रह सकते हैं और इस अवधि के दौरान वह मीडिया से बात नहीं कर सकते हैं।
अब्बास अंसारी कासगंज जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अब्बास अंसारी को पुलिस हिरासत में कासगंज जेल से उनके गाजीपुर स्थित घर ले जाया जाएगा। पुलिस हिरासत में ही अब्बास अंसारी को 13 अप्रैल को वापस कासगंज जेल लाया जाएगा। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं।
पांच बजे से पहले अब्बास को लेकर गाजीपुर के लिए रवाना हो जाए टीम- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब्बास अंसारी को लेकर पुलिस की टीम आज ही शाम पांच बजे से पहले गाजीपुर के लिए रवाना हो जाए। कोर्ट ने 11 अप्रैल और 12 अप्रैल को अब्बास अंसारी को अपने परिजनों से मिलने की इजाजत दी है। यानी वह दो दिन तक घर पर ही रहेंगे और इस दौरान वह मीडिया से बात नहीं करेंगे। अब्बास अंसारी कासगंज की पचलाना जिला जेल में बंद हैं। जेल में होने की वजह से वह अपने पिता मुख्तार अंसारी के जनाजे में शामिल नहीं हो सके थे। फातिहा पढ़ने की इजाजत अब्बास ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी थी।
मुख्तार की मौत के बाद काफी बवाल हुआ। मुख्तार ने मरने से पहले आरोप लगाया था कि उसे जेल में धीमा जहर दिया गया था। हालांकि पोस्टमाॅटर्म रिपोर्ट में उसकी मौत का कारण हार्ट अटैक बताई गया था। प्रशासन ने आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया है।
मुख्तार के घर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी पहुंचे थे। उन्होंने भी मौत पर संदेह जताया था। अखिलेश यादव ने कहा था कि जो व्यक्ति इतनी बार जेल से चुनाव जीता हो, यानी वो जनता के बीच में रहता था। सपा ने मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को गाजीपुर से लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है।