राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के लिए परचा दाखिल करने के लिए एक दिन बचा होने के बीच सोमवार को जाने माने वकील राम जेठमलानी, राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पुत्री मीसा भारती समेत केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू, मुख्तार अब्बास नकवी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मंत्री कपिल सिब्बल और अंबिका सोनी और विभिन्न दलों के कई उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया। देश के 15 राज्यों से राज्यसभा की 57 सीटों के लिए 11 जून को चुनाव होने हैं।

भाजपा के पूर्व सांसद जेठमलानी और लालू प्रसाद की पुत्री मीसा ने राजद कोटे से परचा भरा। वहीं जद (एकी) नेता शरद यादव भी सोमवार को मैदान में उतरे। बिहार से राज्यसभा की पांच सीटों और विधान परिषद की सात सीटों के लिए होने वाले द्विवार्षिक चुनाव के लिए प्रदेश में सत्ताधारी महागठबंधन-जद (एकी)-राजद-कांग्रेस- के उम्मीदवारों ने सोमवार को अपना-अपना नामांकन दाखिल किया। जद (एकी) की ओर से दो सीटों के लिए जद (एकी) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और आरसीपी सिंह ने परचा भरा।

राज्यसभा के लिए सोमवार को जिन अन्य प्रमुख उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया, उनमें केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह, शहरी विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू शामिल हैं। नायडू के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर, राम कुमार वर्मा और हर्ष वर्द्धन सिंह ने राजस्थान से भाजपा की ओर से नामांकन पत्र दाखिल किया। वर्मा और वर्द्धन ऊपरी सदन में राजस्थान से नए चेहरे हैं। हर्ष वर्द्धन सिंह राजस्थान के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह के पौत्र हैं और उनका डुंगरपुर के पूर्ववर्ती शाही परिवार से संबंध है, जबकि वर्मा आरबीआइ के सेवानिवृत अधिकारी हैं।

इनके अलावा जद (एकी) से रामचंद्र प्रसाद सिंह भी पार्टी से ऊपरी सदन के लिए नामित हैं। बीजद के तीन नेताओं, प्रसन्न आचार्य, बिष्णु दास और एन भास्कर राव ने ओड़ीशा में से नामांकन दाखिल किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने सोमवार को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। प्रदेश की 403 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कांग्रेस के 29 सदस्य हैं। ऐसे में सिब्बल को राज्यसभा पहुंचने के लिए आठ अतिरिक्त मतों की जरूरत होगी। कांग्रेस की महासचिव अंबिका सोनी ने पंजाब से अपना नामांकन दाखिल किया।

बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में कांग्रेस नेताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट और मप्र हाई कोर्ट में पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने भोपाल में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में परचा दाखिल किया। चंडीगढ़ में ग्रामीण विकास मंत्री बिरेंदर सिंह ने हरियाणा से राज्यसभा के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया। अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने झारखंड से परचा दाखिल किया।

राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच का काम एक जून को होगा और तीन जून तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। मालूम हो कि 15 राज्यों के 55 सदस्यों के जून और अगस्त के बीच सेवानिवृत होने के कारण चुनाव जरूरी हो गया था। राजस्थान से कांग्रेस के आनंद शर्मा और कर्नाटक से निर्दलीय विजय माल्या के सीट छोड़ने के कारण भी इन दोनों सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। इन 57 सीटों में से 14-14 कांग्रेस और भाजपा के पास हैं जबकि छह सीट बसपा और पांच सीट जद (एकी) के पास हैं। तीन-तीन सीट सपा, बीजद और अन्नाद्रमुक के पास हैं। दो-दो सीट द्रमुक, राकांपा और तेदेपा के पास हैं जबकि एक सीट शिवसेना के पास है। सबसे अधिक 11 सदस्य उत्तर प्रदेश से सेवानिवृत हो रहे हैं, जबकि तमिलनाडु और महाराष्ट्र से छह-छह सदस्य सेवानिवृत हो रहे हैं।