मध्यप्रदेश में किसानों के सामने यूरिया का संकट खड़ा हो गया है। प्रदेश में कई जगहों पर यूरिया की मांग पूरी नहीं होने पर किसानों का आक्रोश बढ़ गया। किसानों ने रायसेन में नेशनल हाइवे-12 जाम कर दिया। यहां बीते तीन दिन से किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। प्रदेश में करीब 20 जिलों में यही हालात है। सहकारी समितियों के बाद अब बाजार से गायब होते यूरिया की कालाबाजारी की खबरें आ रही है। हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रेलवे रैक और खाद के लिए केंद्रीय मंत्रियों से बात की और मार्कफेड की एमडी स्वाति मीणा को दिल्ली भी भेजा। साथ ही सरकार ने फौरी राहत के लिए अशोकनगर में मंडी की निजी दुकानों से खाद लेकर नाराज किसानों को सरकारी रेट पर वितरित करवाई।
बात दें किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए प्रदेश सरकार ने खाद निर्माता कंपनियों के साथ एक बैठक भी की जिसके बाद कंपनियों ने भरोसा दिलाया है कि रविवार से पूरा यूरिया मध्यप्रदेश और राजस्थान को सप्लाई होगा। गौरतलब है कि हाल ही में ये बात निकलकर सामने आयी थी कि मध्यप्रदेश के हिस्से का यूरिया राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में भिजवा दिया गया। एक आंकड़े के अनुसार मध्यप्रदेश में कुल तीन लाख 70 हजार मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत होती है। बताया जा रहा है कि इस महीने यहां केवल एक लाख 90 हजार मीट्रिक टन ही खाद प्राप्त हुई है।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री विष्णुदत्त शर्मा ने मध्यप्रदेश में यूरिया को कमी का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस केंद्र सरकार पर यूरिया आवंटन में कमी का आरोप लगाकर राजनीति कर रही है। उनका कहना है कि कमलनाथ सरकार यूरिया को लेकर दुष्प्रचार कर रही है। मध्यप्रदेश के ग्वालियर, छतरपुर, रायसेन, भोपाल, सीहोर, खंडवा, बुरहानपुर, बड़वानी, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, छिंदवाड़ा, सिवनी, होशंगाबाद, हरदा, देवास, शाजापुर, आगर, राजगढ़ और कटनी आदि क्षेत्रों में खाद-यूरिया को लेकर प्रदर्शन हुए।