आम तौर पर आत्महत्या किसी भी प्रकार से की गई हो भयावह होती ही है लेकिन किसी के प्रताड़ना से अगर आत्महत्या की गई हो तो वो मानवता और भारतीय कानून का दुरुपयोग है। कुछ इसी तरह का मामला मध्य प्रदेश के दतिया से सामने आया है। जहां एक पुलिस द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या करने के पहले वीडियो बनाया गया। इस वीडियो में मृतक ने पूरी कहानी बताई है। जिसके बाद तो मध्य प्रदेश पुलिस में बवाल मच गया और अब पूरे मामले को लेकर जांच शुरू हो गई है।

दरअसल 51 साल के सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) प्रमोद पवन बीते मंगलवार को मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित अपने सरकारी क्वार्टर में फांसी के फंदे पर झूलते पाए गए। हालांकि उन्होंने अपनी मौत के कुछ घंटे पहले ही एक वीडियो बनाकर रिकॉर्ड किया था। एएसआई पवन वीडियो में वर्दी पहने हुए नजर आ रहे हैं जिसमें उन्होंने कथित तौर पर विभाग के कई सीनियर अधिकारियों और स्थानीय माफियाओं पर मानसिक उत्पीड़न समेत जातिगत दुर्व्यवहार और आपराधिक मिलीभगत का आरोप लगाया।

अधिकारी दे रहे अवैध खनन और जुआ रैकेट को संरक्षण

पवन ने अपने सीनियर अधिकारी पर प्रताड़ित करने और अवैध बालू खनन व जुआ रैकेट को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। वीडियो में जिन अधिकारियों का नाम है, उन्होंने इस आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया है। पवन ने एक अन्य वीडियो में दावा किया कि उन्हीं अधिकारियों के सहयोग से इलाके में खुलेआम अवैध जुआघर चलाए जा रहे हैं।

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वीडियो की बात करें तो पवन ने आरोप लगाया कि जब से उन्होंने अवैध रूप से खनन की जा रही बालू ले जा रहे ट्रैक्टर-ट्रॉली को रोकने के बाद से ही उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि जानकारी के अनुसार ये ट्रैक्टर-ट्रॉली कथित तौर पर स्थानीय माफिया कार्यकर्ता से जुड़ी हुई है। उन्होंने ये भी दावा किया, ‘तब से मुझे बुनियादी अनुमतियाँ भी नहीं दी जा रही हैं। मैं आधार या समग्र कार्ड के लिए स्टेशन से बाहर नहीं जा सकता।जातिसूचक गालियां आम बात हैं। मुझे ट्रैक्टर से कुचल देने की धमकी दी गई।’

मामले की हो रही जांच

उनके सरकारी आवास में उनका शव लटकता हुआ मिलने के कुछ ही घंटों बाद, गोदान थाना प्रभारी अरविंद सिंह भदौरिया को उनके पद से हटाकर जांच तक पुलिस लाइन में अटैच कर दिया गया। निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए पुलिस उपाधीक्षक (एजेके) के अधीन औपचारिक जांच शुरू कर दी गई है।

एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा, “एएसआई थाना परिसर में अपने सरकारी आवास में फंदे से लटका हुआ पाया गया। मामले की गहन जांच की जा रही है। हर वीडियो की निष्पक्ष समीक्षा की जाएगी और उनके द्वारा साझा किए गए दस्तावेजों की गहन जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।”