मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर घमासान चल रहा है। वहीं पंचायत चुनाव में उतरीं प्रत्याशियों को लेकर कई कहानियां भी सामने आ रही हैं। वहीं एक कहानी सिंगरौली जिले की कठदहा ग्राम पंचायत से सामने आ रही है। यहां पंचायत सचिव पद पर तैनात सुखराम सिंह की तीन पत्नियां पंचायत चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही हैं।
गीता सिंह पिपरखाड़ पंचायत से सरपंच प्रत्याशी हैं। सचिव की दूसरी पत्नी कुसुम कली को यह बात रास नहीं आई। उसने भी पीपरखाड़ से ही पर्चा भर दिया है। इसके बाद तीसरी पत्नी उर्मिला सिंह भी चुनावी मैदान में ताल ठोकने को बेताब हो उठी। उर्मिला ने पति की नहीं सुनी और पेड़रा वार्ड न. 13 से जनपद पंचायत सदस्य के लिए पर्चा भर दिया। यहीं से सचिव की मुसीबत शुरू हो गई।
गीता सिंह यहां की सरपंच भी रह चुकी है। वहीं अब स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं कि एक ही शख्स की तीन पत्नियां कैसे चुनाव लड़ सकती हैं, जबकि वो शख्स शासकीय सेवा से जुड़ा हुआ है।
यह मामला जब सामने आया तो अधिकारियों के होश उड़ गए। जनपद देवसर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बीके सिंह ने सुखराम को हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 के प्रावधान के उल्लंघन में नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं पंचायत सचिव ने अधिकारियों को अपनी दो पत्नी होने की ही जानकारी दी थी। जबकि तीसरी पत्नी को लेकर किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी थी।
सचिव को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि प्रावधान के अनुसार एक पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह प्रतिबंधित है। इसे नजरअंदाज करने पर भादंवि 1860 की धारा 494 के अंतर्गत 7 वर्ष के सश्रम कारावास का प्रावधान है। सीइओ बीके सिंह के मुताबिक, अभी सचिव ने कोई जवाब नहीं दिया है। सचिव को जनपद कार्यालय में अटैच किया गया है।
वहीं अधिकारियों ने नोटिस में यह भी हवाला दिया है कि शासकीय नौकरी के दौरान पहली पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरी शादी करना कानून का उल्लंघन है। ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई के साथ नौकरी से हाथ ही धोना पड़ सकता है।