मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस की “भारत जोड़ो यात्रा” पर चुटकी ली है। उन्होंने कहा कि इस वक्त तो भारत जोड़ो यात्रा की जगह कांग्रेस छोड़ो की चर्चा ज्यादा हो रही है। दरअसल, हाल के दिनों में कई कद्दावर नेताओं ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है।
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान वीर सावरकर की फोटो लगाने के मुद्दे पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा, “कांग्रेस जानबूझकर इस तरह के काम करती है, ताकि चर्चाओं में रहे। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के चर्चे नहीं हैं, लेकिन राहुल गांधी के इस तरह के कृत्य के जो वीर सावरकर के साथ होते हैं, कभी कहीं से भोजन करके आते हैं, जो वो सबसे जाकर मिलते हैं उनकी चर्चा ज्यादा हो रही है और कांग्रेस छोड़ो की चर्चा ज्यादा है।”
बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जारी किए गए स्वतंत्रता सेनानियों के पोस्टर में वीर सावरकर की भी फोटो शामिल थी, जबकि कांग्रेस उन्हें स्वतंत्रता सेनानी में जोड़कर नहीं देखती है। इस पर पार्टी ने सफाई देते हुए कहा कि वो पोस्टर पर स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीर चाहते थे। बूथ स्तर के एक कार्यकर्ता ने बताया कि पोस्टर डिजाइन करने वाले लड़के ने ऑनलाइन इन फोटो को खोजा था। उनकी ओर से इसकी सही से जांच नहीं हो सकी। ये एक प्रिंटिंग मिस्टेक है।
कांग्रेस ने भागवत को दिया भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण
वहीं, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम उमर अहमद इलियासी से मुलाकात की। इस पर कांग्रेस नेताओं ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देना शुरू कर दिया है। पार्टी नेता पवन खेड़ा ने ट्वीट कर कहा, “भारत जोड़ो यात्रा को मात्र पंद्रह दिन हुए हैं और, बीजेपी के प्रवक्ता गोडसे मुर्दाबाद बोलने लगे, मंत्री मीडिया से फैलने वाली नफरत पर चिंतित होने लगे और मोहन भागवत इमामों के पास पहुंच गए। आगे आगे देखिए होता है क्या।”
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भागवत को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सिर्फ कुछ दिन की यात्रा का यह असर है, तो उन्हें भी तिरंगे के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होना चाहिए और राहुल गांधी के साथ यह यात्रा करें।
बता दें कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी नेता और कार्यकर्ता करेल की धरती में पहुंच चुके हैं। यहां से यात्रा आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, यूपी, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब होते हुए केंद्र शासित प्रदेश कश्मीर तक जाएगी। 5 महीनों तक चलने वाली इस यात्रा में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता 3570 किमी की दूरी तय करेगी।
वहीं, केरल में कांग्रेस की इस यात्रा के लिए लगे बोर्ड और झंडों को लेकर हाई कोर्ट ने आपत्ति जताई है। केरल हाई कोर्ट ने गुरुवार को सड़क सुरक्षा को लेकर कहा कि इस पर पुलिस और अन्य अधिकारियों ने आंखें बंद की हुई हैं। सड़कों पर अवैध बैनर और बोर्ड्स से जुड़े मामले को लेकर कोर्ट सुनवाई कर रहा था।