बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती के आगामी विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का बयान आया है। कांग्रेस नेता कमलनाथ ने एक समाचार चैनल के साथ बातचीत में कहा, ”मुझे नहीं पता किसी चीज ने गड़बड़ की.. परसों हमारी बैठक हुई और उन्होंने कहा कि हमें 45 सीटें दीजिए.. यह नंबर की बात नहीं है… हम यह देख रहे हैं कि जिन सीटें पर बीएसपी बीजेपी को हरा सके.. नंबर की बात हो और उनका कोई मतलब न हों तो कि हम बीजेपी नहीं हरा सकते हैं तो फिर नंबर की बात क्यों होती है? इसका मतलब है कि आप बीजेपी को सीटें गिफ्ट करने जा रही हैं।” कमलनाथ ने कहा इस संभावना से भी इनकार नहीं किया कि बीएसपी के कांग्रेस से गठबंधन नहीं रखने पर भारतीय जनता पार्टी को फायदा मिलेगा। कमलनाथ ने कहा, ”इसका फायदा बीजेपी को जाता है लेकिन मुझे आत्मविश्वास है कि इससे बीजेपी को जीतने के लिए पर्याप्त फायदा नहीं मिलेगा।” कमलनाथ ने जमीनी स्तर पर कांग्रेस को अभूतपूर्व समर्थन मिलने की उम्मीद जताई और कहा कि कांग्रेस शिवराज की 15 वर्षों से चली आ रही सत्ता को उखाड़ फेकेगी।

बता दें कि बुधवार (3 अक्टूबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मायावती ने ऐलान किया था कि उनकी पार्टी मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेगी। मायावती ने इस ऐलान के साथ ही कांग्रेस के रवैये की जमकर आलोचना की। बीएसपी सुप्रीमो ने यहां तक कहा था कि कांग्रेस बीजेपी को हराना ही नहीं चाहती है, बल्कि बसपा को ही खत्म करना चाहती है। मायावती ने कांग्रेस पर धर्म और जाति के आधार पर राजनीति करने का आरोप लगाया।

मायावती ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर बरसते हुए पार्टी के खिलाफ नाराजगी बयां की। उन्होंने दिग्विजय सिंह को बीजेपी का एजेंट करार दिया। बता दें कि ऐसी खबरें आ रही थीं कि मायावती ने मध्य प्रदेश में 50 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था। कांग्रेस के द्वारा मायावती के प्रस्ताव पर अमल नहीं होने पर उन्होंने अकेले चुनाई लड़ने की घोषणा की। इससे पहले वह छत्तीसगढ़ में भी क्षेत्रीय पार्टी के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं। मायवती के इस तरह कांग्रेस खिलाफ खुलकर आने से 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की उम्मीदों को भी झटका लगता दिख रहा है।