मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के छैगांव माखन इलाके में गुरुवार को बड़ा हादसा हो गया, जब गणगौर माता के विसर्जन के दौरान कुएं में उतरे आठ लोगों की जहरीली गैस के कारण मौत हो गई। घटना कोंडावत गांव में शाम करीब चार बजे हुई। बताया जा रहा है कि यह कुआं सालभर खाली रहता था और इसका उपयोग केवल गणगौर माता के विसर्जन के दौरान किया जाता था। लंबे समय से बंद रहने के कारण इसमें जहरीली गैस भर गई थी, जिसकी चपेट में आने से सभी की जान चली गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शुरुआत में पांच लोग कुएं की सफाई और गणगौर माता की मूर्ति विसर्जित करने के लिए उसमें उतरे थे। जब वे बाहर नहीं निकल पाए, तो तीन और लोग उनकी मदद के लिए नीचे उतरे, लेकिन जहरीली गैस के कारण सभी की मौत हो गई। हादसे के बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और प्रशासन को सूचना दी। बचाव अभियान के लिए एसडीईआरएफ की टीम को बुलाया गया, जिन्होंने ग्रामीणों की मदद से चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शवों को कुएं से बाहर निकाला।

मृतकों में गांव के पूर्व सरपंच भी शामिल

इस दुखद हादसे में जान गंवाने वालों में पूर्व सरपंच मोहन (55), अनिल पटेल (30), शरण सुखराम (30), अर्जुन (35), गजानंद (25), बलिराम (36), राकेश (22) और अजय (25) शामिल हैं। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपे की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है, जहां आवश्यक कानूनी प्रक्रिया के बाद उन्हें अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया जाएगा।

इस हादसे के बाद पूरे गांव में मातम छा गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस कुएं का इस्तेमाल वर्षों से केवल गणगौर माता के विसर्जन के लिए किया जाता रहा है, लेकिन इस बार जहरीली गैस बनने से यह बड़ा हादसा हो गया। प्रशासन का कहना है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे, ताकि इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और विशेषज्ञों से कुएं में गैस बनने की प्रक्रिया को समझने के लिए रिपोर्ट मांगी गई है।

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यह हादसा सार्वजनिक सुरक्षा उपायों की अनदेखी का बड़ा उदाहरण बन गया है। गांव के बुजुर्गों के अनुसार, यह कुआं वर्षों से गणगौर विसर्जन के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है, लेकिन इस बार यह परंपरा एक अनहोनी का कारण बन गई। प्रशासन ने इस घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदियों को रोका जा सके।

उधर, यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के पुरकाजी थाना क्षेत्र के अंतर्गत हरिनगर गांव में गुरुवार को गुड़ बनाने वाली एक फैक्टरी में एक व्यक्ति की गन्ने के उबलते रस में गिरने से मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। थाना प्रभारी (एसएचओ) जयवीर सिंह ने बताया, “गुड़ बनाते समय मजदूर शोकेंद्र (30) की गन्ने के उबलते रस में गिरने से मौत हो गई।”

सिंह ने कहा कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और घटना की जांच की जा रही है। इस बीच, पीड़ित के परिवार ने आरोप लगाया है कि शोकेंद्र को जानबूझकर उबलते रस में फेंका गया था। एसएचओ ने कहा कि पुलिस मामले के सभी पहलुओं की जांच कर रही है, जिसमें परिवार के आरोप भी शामिल हैं।